कोरोना वायरस और धारा 144 को देखते हुए मनाया गया वर्ल्ड टीबी डे
विश्व क्षय रोग दिवस पर जिले में कोरोना वायरस से बचाव के साथ-साथ किया गया ट्यूबरकुलोसिस उन्मूलन का डिजिटलाइज् प्रचार-प्रसार
महासमुन्द
24 मार्च 2020/ इन दिनों पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की चर्चा और
सावधानी प्राथमिकता पर है। वहीं, एक और चिर-परिचित जानलेवा संक्रमित बीमारी
ट्यूबरकुलोसिस यानी कि टीबी के उन्मूलन का प्रयास पहले से ही चल रहा है।
इस ओर शासन स्तर से मिले निर्देशानुसार प्रदेश स्तर पर वर्ष 2023 तक टीबी
मुक्त किए जाने के लिए योजना क्रियान्वयन और तेज कर दिया गया है।
इसी
कड़ी में जिला क्षय नियंत्रण अधिकारी एनके मंडपे से मिली जानकारी के मुताबिक
शासन स्तर की निर्देशिका के अनुरूप मंगलवार 24 मार्च 2020 को जिले में
विश्व क्षय रोग दिवस मनाया गया। जिसमें वर्तमान परिस्थितियों को मद्देनजर
रखते हुए इस बार आंशिक रूप से कुछ परिवर्तन किए गए। मुख्य रूप से कोरोना
वाइरस के प्रकोप को देखते हुए क्षय उन्मूलन प्रचार-प्रसार के लिए नई
कार्ययोजना बनाई गई थी। जिसके तहत शहर से लेकर गांव तक स्वास्थ्य अमला दिन
भर डटा रहा। विदित हो कि कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए इन दिनों
सरकारी आदेशानुसार जिले में भी धारा 144 निरंतर लागू है। जिसके परिपालन में
जब तक अनिवार्य न हो तब तक अधिक संख्या में प्रशिक्षणार्थी एकत्र कर
जागरूकता कार्यशालाओं सहित सामान्य बैठकों को आगामी आदेश तक स्थगित कर दिया
गया है।
ऐसे में मंगलवार को हुए क्षय उन्मूलन प्रयासों के बारे विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए जिला क्षय केंद्र के कार्यक्रम समन्वयक श्री उत्तम श्रीवास ने बताया कि जिले के हरेक विकासखंड और चिकित्सालय में पूर्व सूचना और क्रियान्वयन योजना के अनुसार क्षय उन्मूलन का प्रयास किया गया। मूल रूप से क्षय रोग के प्रति जागरूकता और बचाव के साथ जिला स्तर पर क्षय उन्मूलन के लिए किए जा रहे प्रयासों में विभागीय चिकित्सकीय निशुल्क सेवाओं और सुविधाओं के बारे में प्रचार प्रसार के लिए सोशल मीडिया और बैनर व पोस्टर्स का सहारा लिया गया। साथ ही जिले में इलाज करा रहे टीबी के मरीजों को उनके घर बैठे ही दूरभाष के माध्यम से अब तक की अद्यतन जानकारी एवं उनके स्वास्थ्य के संबंध में आवश्यक सूचनाएं दी गईं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश
स्तर पर क्षय उन्मूलन को लेकर जिला महासमुंद लंबे समय से अग्रणी पायदान पर
बना हुआ है। जिसमें जिला क्षय केंद्र दल के अधिकारी कर्मचारियों के साथ
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के कर्मचारी व
फील्ड वर्कर्स निरंतर सक्रिय रहे हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि
क्षय मुक्त क्षेत्र बनाने के लिए प्रयासरत सरकार की मंशा जिला महासमुंद को
लेकर काफी हद तक सफल हो सकती है। इस दौरान मंगलवार को राष्ट्रीय क्षय
उन्मूलन कार्यक्रम के जिला दल से पीएमडीटी समन्वयक श्री घनश्याम प्रसाद
देशमुख, डीपीपीएम समन्वयक श्री ओंकार प्रासद पाठक, सीनियर ट्रीटमेंट
सुपरवाइजर श्री विनय नाग, सीनियर टीबी लैब सुपरवाइजर श्री अरविंद कुमार
सिदार, सीनियर टीबी लैब तकनीशियन श्री उमेश कुमार ठाकुर, लेखापाल श्री
कमलेश कुमार सिंह, डीईओ श्री शिवराज शर्मा का सहयोग सराहनीय रहा।
जिन्होंने
संभावित एवं पीड़ित मरीजों से अपील की है कि ऐसे व्यक्ति जिन्हें दो हफ्तो
से अधिक खांसी, शाम के समय बुखार, भूख न लगना, वजन कम होना, सांस फूलने की
समस्या, रात के समय पसीना आना, छाती में दर्द एवं बलगम में खून आना जैसी
दिक्कतें हैं। वे राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम अतर्गत् प्रदत्त
निशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लें। औसतन नौं माह से अधिकतम दो वर्ष तक
नियमित दवा का पूर्ण सेवन से क्षय रोग की बीमारी की ठीक हो जाती है, लेकिन
इसके लिए दवाओं का कोर्स पूरा करना जरूरी होता है।