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कल का कोरोना वॉरियर, आज के मारपीट का शिकार....

अम्बिकापुर. आइए आपका परिचय कराते हैं डॉ पुकेश्वर वर्मा से। अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज का पहला डॉक्टर जिसने कोरोना वार्ड में सबसे पहले ड्यूटी किया था। इस युवा डॉक्टर के मन मे कोरोना से लड़ने का जोश और सेवा भावना इस कदर था कि माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी ने खुद ट्वीट करके इनकी तारीफ की थी ।

कोरोना की जब शुरुवात हुई थी, तो डर का ऐसा माहौल था कि डॉक्टर भी कोरोना वार्ड में ड्यूटी करने के नाममात्र से आतंकित थे। ऐसे में डॉ पुकेश्वर वर्मा ने कोरोना वार्ड में ड्यूटी के लिए न केवल आगे आये, बल्कि अपने इस साहसिक कदम से अपने साथी डॉक्टरों के मन मे व्याप्त भय को भी तोड़ा। इतना ही नही डॉक्टर के साथ उन्होंने सफाईकर्मी का मोर्चा भी संभाला क्योंकि शुरुवात में सफाईकर्मी कोरोना वार्ड में ड्यूटी करने के लिए भयभीत थे। कोरोना के आतंकित माहौल में जहां बड़े - बड़े अधिकारी ड्यूटी से कन्नी काट रहे थे, तो ऐसे में सफाईकर्मियों को भी दोष देना कितना जायज था । लेकिन उन्होंने मामले की गम्भीरता का समझते हुए कोरोना वार्ड के साफ-सफाई का बीड़ा भी खुद पर उठाया और औरों को भी इसके लिए प्रेरित किया। उनकी सेवा भावना और लगन इस कदर था कि कोरोना वार्ड में मरीज़ों के सबसे प्रिय डॉक्टर बन गए थे।

डॉ पुकेश्वर वर्मा और साथी डॉक्टरों के कल की साहसिक , सेवा भावना और मानवता का इनाम आज उन्हें किस रूप में मिल रहा है । एक अद्भुत कोरोना वॉरियर के नाम से नवाजे गए इस डॉक्टर पर लापरवाही का इल्जाम लगाकर ड्यूटी के दौरान उनसे मारपीट की गई और माँ बहन की गन्दी-गन्दी गालियां दी गई। इस तरह का ईनाम सिर्फ मारपीट के आरोपी अंकित दुबे से ही नही मिला है, बल्कि शासन-प्रशासन से भी बख़ूबी मिला है। डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए बनाया गया विशेष कानून मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट और एपिडेमिक एक्ट आरोपी पर लगाया ही नही गया है और न ही अब तक आरोपी को पकड़ा ही गया है। रसूखदार तबके से ताल्लूक रखने वाला आरोपी अभी भी शायद मखमली पलंग का आनंद ले रहा होगा और अपने कारनामे भरे घमंड और दुस्साहस के स्वप्न में मुग्धमय होगा। जबकि हमारे डॉक्टर अभी जान दांव पर लगाकर ड्यूटी कर रहे हैं।

अगर आज डॉ पुकेश्वर वर्मा और उनके साथियों को मिलने वाले इंसाफ का कत्ल किया जाएगा । तो ये कत्ल सिर्फ उन्हें मिलने वाले इंसाफ का ही नही होगा , बल्कि ये कत्ल होगा उस साहस जो उन्होंने कोरोना ड्यूटी में दिखाया था । ये कत्ल होगा उस युवा जोश का जो हर चुनातियों को पार करने लिए एक युवा डॉक्टर लगा रहा है। ये कत्ल होगा डॉक्टर के उस मनोबल का जिसके दम पर वह अपनी ड्यूटी कर पा रहा है। असल मे यह इंसाफ का कत्ल समूचे चिकित्सक कौम के जज्बे का कत्ल होगा , जो कोरोना महामारी के खिलाफ जान दांव पर लगाकर लड़ रहा है।

हमारी शासन-प्रशासन से निवेदन है कि हमारे डॉक्टर को इंसाफ मिले और दोषियों पर सभी धारा लगाकर उन्हें तत्काल जेल भेजा जाए।

-डॉ इकबाल हुसैन, प्रेसीडेंट सीडा







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