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कोरोनावायरस: देश में संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 15 लाख से अधिक हुई

कोरोना के खिलाफ जंग में भारत बहुत मुस्तैदी से इस लड़ाई को लड़ रहा है जिसके चलते तमाम अन्य देशों के मुकाबले कई मायनों में काफी बेहतर स्थिति में है।

देश में बढ़ती स्वास्थ्य सुविधाओं का ही असर है कि भारत में कोरोना से लड़कर ठीक होने वालो की संख्या 15 लाख से ऊपर पहुंच गई है और बीते 24 घंटो में ही ठीक होने वालों का आंकड़ा करीब 55 हजार के पास पहुंच गया जो एक दिन में ठीक होने वाले लोगों की रिकॉर्ड संख्या है। इतना ही नही भारत में कोरोना से होने वाली मृत्यु दर भी घटकर अब 2 फीसदी पर आ गई है जो कई अन्य देशों की तुलना में काफी कम है। अब देश में सिर्फ 28.66 फीसदी सक्रिय मामले है तो वही करीब 70 फीसदी लोग ठीक हो चुके है।  देश में कोविड-19 की जांच का दायरा भी दिन-प्रति-दिन बढ़ता जा रहा है और अब ये प्रतिदिन 7 लाख के ऊपर पहुंच गया है। अभी तक देश में करीब 2.5 करोड़ लोगो की जांच हो चुकी है।

केन्द्र और राज्य सरकारों के समन्वित प्रयासों का ही असर है कि जल्दी टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट से ही कोरोना के घातक असर को कम किया जा सका है। देश के 10 राज्यों से ही कुल मामलों के 80 फीसदी से ज्यादा मामले सामने आये है। कई राज्यों में कोरोना जांच का दायरा बढ़ने से शुरूआती समय में मामले तेजी से बढ़ते दिख रहे है लेकिन जल्द ही इन राज्यों में इन बढ़ते मामलें में कमी आने लगेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कोरोना से होने वाली मृत्यु में 70 फीसदी से ज्यादा मामलों में अन्य गंभीर बीमारियां भी जिम्मेदार रही है।

इस बीच पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव आए हैं। उन्होंने खुद एक ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा - मैं किसी काम से अस्पताल गया था। वहां कोरोना टेस्ट कराने पर मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मैं बीते सप्ताह मेरे संपर्क में आए लोगों से आग्रह करता हूं कि वे खुद को आइसोलेट कर लें और अपना कोरोना टेस्ट भी करा लें।

पूरे देश में अनलाक की प्रक्रिया भी चरणबद्द तरीके से लागू हो रही है, इसके तहत अब हैदराबाद और चेन्नई में जिम भी खुल गये है हालांकि अभी भी दिशानिर्देशो का पालन किया जा रहा है, जिम खुलने के बाद स्थानिय लोगों ने खुशी जताई है। दुनियां भर में छाये इस कोरोना संकट के बीच भारत में इस लड़ाई में जहां सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका है तो आम लोगों में भी बढ़ती जागरूकता का असर है कि मामलों को नियंत्रित करने में मदद मिल रही है।




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