news-details

इस ग्राम पंचायत में 86 शौचालय में 10 लाख के भष्ट्राचार का हुआ उजागर, पूर्व में जाँच में पहुंचे अधिकारी के साथ हुआ था विवाद.

जनपद पंचायत बसना अंतर्गत ग्राम पंचायत बड़े साजापाली के पूर्व सरपंच सुशीला श्रीराम साहू और सचिवों द्वारा केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना राष्ट्रीय स्वच्छ मिशन के अंतर्गत सत्र 2015-16 में 787 शौचालय राशि 94 लाख 40 हजार रुपये की एसबीएम योजना में स्वीकृत शौचालय निर्माण में जांच के दौरान घोर लापरवाही बरतें हुये 86 शौचालय में 10 लाख 32 हजार की भष्ट्राचार का मामला सामने आई हैं.

ग्राम पंचायत बड़े साजापाली के ग्रामीणों के द्वारा 23 अक्टूबर 2019 को जनसमस्या निवारण शिविर सागरपाली में सरपंच श्रीमती सुशीला श्रीराम साहू द्वारा शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री आवास और 14 वें वित्त की राशि का बिना कार्य के आहरण की शिकायत महासमुंद कलेक्टर से किया गया था. जिस पर जनपद पंचायत बसना द्वारा जांच टीम गठित कर शिकायत की जांच हेतु बड़े साजापाली पहुंच कर जांच किया लेकिन जांच के दौरान सरपंच और ग्रामीणों में विवाद के चलते जांच पूरा नही हो पाया था. और वहां से अधिकारीयों को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा था.

वीडियो वायरल : जान बचा के भागा अधिकारी, कलेक्टर के निर्देशन पर भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच में पहुँचा था अधिकारी.  

इसके जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. रवि मित्तल द्वारा पुनः 13 जुलाई 2020 विशेष ऑडिट कराये जाने हेतु टीम गठित किया गया गया है. जिसमे जांच टीम द्वारा जनपद पंचायत बसना अंतर्गत ग्राम पंचायत बड़े साजापाली में पूर्व सरपंच, सचिवों, पंचगण, शिकायकर्ताओं और ग्रामीणों के समक्ष घर-घर जाकर निर्माणाधिन शौचालय का भौतिक सत्यापन कर ऑडिट किया गया. जिसमें सत्र 2015-16 में ग्राम पंचायत बड़े साजापाली में स्वच्छ भारत योजना एसबीएम में 787 शौचालय 94 लाख 40 हजार रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई थी। जिसका निर्माण पूर्व सरपंच सुशीला श्रीराम साहू और स्वंम हितग्राहियों द्वारा किया गया हैं.

जांच टीम द्वारा शिकायतकर्ताओं और पूर्व सरपंच के आधार पर घर-घर जाकर शौचालय का भौतिक सत्यापन कर जांच किया गया. जिसमे 43 शौचालय 05 लाख 16 हजार रुपये के 43 हितग्राहियों के नाम से डबल-डबल शौचालय स्वीकृत हुआ जिसे पूर्व सरपंच सुशीला श्रीराम साहू और सचिवों द्वारा आहरण किया गया हैं.

इस प्रकार कुल 86 शौचालय का 10 लाख 32 हजार रुपये का 86 शौचालय जो निर्माण ही नही हुआ हैं. ग्राम पंचायत द्वारा शौचालय की राशि का आहरण कर लिया गया हैं. जांच टीम द्वारा त्रुटि वश एक व्यक्ति के नाम से दो-दो शौचालय स्वीकृत हो गया था उस संबंध में सरपंच सचिव से किसी प्रकार के शौचालय सूची में संशोधन की सूची मांगी गई तो जिला जांच टीम और जनपद पंचायत बसना में होना बताया. इस प्रकार संशोधन की कोई दस्तावेज ग्राम पंचायत में ना होना फर्जीवाड़ा का उजागर करता हैं.

ग्रामीणों ने बताया कि जो शौचालय स्वयं हितग्राहियों के द्वारा बनाया गया है उसे भी स्वीकृत 12 हजार रुपये ना देकर अधिकतम 08 हजार रुपये से लेकर 10 हजार रुपये तक ही भुगतान ग्राम पंचायत सररपंच और सचिव किया गया है. जिसको आज जांच टीम को अवगत कराया गया फिर भी इस विषय पर किसी प्रकार की कोई जांच नहीं की गई. और बताया कि शौचालय सूची में दर्जनभर उन लोगों के नाम है जो शिक्षक और सरकारी कर्मचारी हैं.

इस संबंध में ग्राम पंचायत बड़े साजापाली के वर्तमान सचिव भुनेश्वर पटेल ने बताया की पूर्व सरपंच सुशीला श्रीराम साहू सचिव झसीकेतन साहू के कार्यकाल में शौचालयों का निर्माण हुआ था. 24 नवबंर 2017 से स्वयं पदस्थ होने की बात कही गई और बताया कि 15 लाख 54 हजार आखिरी किस्त की राशि मेरे कॉल कार्यकाल में प्राप्त हुई है. जिसका मेरे द्वारा 15 लाख 18 हजार रुपए का भुगतान फर्मों एवं हितग्राहियों को किया गया है. जबकि ग्राम पंचायत के खाते में 76 हजार की राशि जमा है.

पूर्व सरपंच प्रतिनिधि श्रीराम साहू ने बताया कि शौचालय निर्माण में हमारे द्वारा इसी प्रकार की कोई फर्जी कार्य नहीं किया गया है ग्राम पंचायत में आवश्यकता के अनुरूप 787 शौचालयों से ज्यादा शौचालयों का निर्माण हुआ है. और हमारे द्वारा डबल नाम वाले स्वीकृत शौचालय व अपात्र हितग्राहियों के नाम काटकर के संशोधन हेतु जनपद पंचायत बसना को सूची दी गई थी अगर संशोधन नहीं हुआ है तो यह हमारी गलती नहीं है बल्कि जनपद पंचायत बसना की गलती है.

जांच अधिकारी एफबी कुर्रे ने कहा कि हमारे द्वारा जांच की गई है जिसमें शौचालय सूची में हितग्राहियों का नाम है लेकिन शौचालय नहीं बने हैं और कुछ शौचालय ऐसे मिले हैं जिनका नाम सूची में नही हैं. हमारे द्वारा जांच का प्रतिवेदन तैयार कर आगे की कार्यवाही हेतु जिला पंचायत महासमुंद को सौफ दी जावेगी.




अन्य सम्बंधित खबरें