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भू माफियाओं के द्वारा गांव के भूमि पर जबरन कब्जा, अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप

सूरजपुर जिले के भैयाथान राजस्व विभाग के अंतर्गत ग्राम पंचायत जूर में शासकीय भूमि जो कि शासन की गोचर भूमि के रूप में अंकित है जिसमें पुराना खसरा क्रमांक1683/1 तथा नया खसरा क्रमांक 1247,1256 है. जिसमें शासन के आला अधिकारियों की मिलीभगत से गांव के कुछ दबंग भू माफियाओं के द्वारा जबरन कब्जा कर लिया गया है.

जिसमें ग्राम पंचायत के प्रधान सहित ग्राम के समस्त जनता 6 सितंबर 2020 को हड़ताल पर थी जिसमें लिखित में आश्वासन दिया था राजस्व विभाग के प्रकाश सिंह राजपूत ने लिखित में आश्वासन दिया था कि 15 दिनों के भीतर मकान खाली कर शासन की गोचर भूमि पर जो फसल लगाई गई है. उसे जप्त कर ली जाएंगी जिसमें ग्राम के समस्त जनता हड़ताल वापस ले ली थी 15 दिनों के बीच जाने के तत्पश्चात शासन की ओर से कोई कार्यवाही नहीं होने पर ग्राम पंचायत ने पुनः 12 अक्टूबर 2020 को भूख हड़ताल पर बैठ गई थी.

जिसमें शासन के आला अधिकारियों के द्वारा गोल गोल जवाब देती रही ग्राम की जनता के द्वारा इन दिए गए जवाबों से हड़ताल वापस नहीं लिया और मध्य रात्रि 8:30 बजे के करीबन ग्राम प्रधान स्वास्थ्य बिगड़ गई जिसे देख आनन-फानन में शासन प्रशासन के आला अधिकारी से मौके से भाग निकले करीबन 20 से 25 मिनट बाद ग्रामीणों के सहयोग से ग्राम प्रधान को होश में लाया गया संपूर्ण रात भर भूख हड़ताल में जनता बैठी रही लेकिन शासन के आला अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं थे दूसरे दिन तक शासन के आला अधिकारी भूख हड़ताल के स्थान पर दोबारा लौटकर नहीं आई है.





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