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प्रधानमंत्री ने असम में दो पुलों की आधारशिला रखी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ब्रह्मपुत्र नदी पर दो प्रमुख सेतु परियोजनाओं की आधारशिला रखी है। इन परियोजनाओं से असम और मेघालय के लोगों की पुरानी लंबित मांग पूरी होगी।

इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि असम में एक लाख करोड़ रुपये की लागत के सड़क और अवसंरचना के कार्य कराए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले 6 वर्षों में 8000 करोड़ रुपये लागत की 1300 किलोमीटर लम्बाई के91 सड़क निर्माण कार्य पूरे किए गए हैं जबकि वर्ष 2022 तक 20,000 करोड़ रुपये लागत के कार्य पूरे कर लिए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष के भीतर ही 30,000 करोड़ रुपये लागत की परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली जाएगी।


गडकरी ने कहा कि असम के धुबरी और मेघालय में फुलबाड़ी के बीच ब्रह्मपुत्र नदी पर पुल की मांग 10 वर्ष पुरानी है। पुल के निर्माण से दोनों स्थानों के बीच दूरी 203 किलोमीटर कम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि असम और मेघालय दोनों इस पुल के माध्यम से सीधे पश्चिम बंगाल से जुड़ जाएंगे। इसके अलावा इस साल अक्टूबर में पश्चिम बंगाल के सीरमपुर सेअसम के धुबरी तक 55 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण इस साल अक्टूबर में शुरू हो जाएगा। इससे भूटान और बांग्लादेश की यात्रा की दूरी और उसमें लगने वाला समय दोनों में कमी आएगी।

ब्रह्मपुत्र नदी के बीच माजुली द्वीप के दूरस्थ इलाकों के लोगों के लिए 925.47 करोड़ रुपये लागत का2-लेन का बड़ा पुल एनएच-715के पर बनाया जा रहा है। इस परियोजना में ब्रह्मपुत्र नदी पर माजुली (कमलाबाड़ी) और जोरहाट (निमाती घाट) (6.8किलोमीटर) के लिए पहुंच मार्ग शामिल हैं। इस पुल से माजुली कस्बे में रहने वाले लोगों का अपने स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजमर्रा की विकास गतिविधियों के लिए शेष असम से सभी मौसमों में संपर्क स्थापित हो जाएगा।

इसी प्रकार से ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित मेघालय (फुलवाड़ी) के लोगों और ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी किनारे असम (धुबरीके पास) के लोगों को मेघालय और असम के विकसित कस्बों के साथ अपनी रोजमर्रा की आर्थिक गतिविधियों के लिए लंबी यात्रा करनी पड़ती है। असम और मेघालय राज्य में एनएच-127बीपर ब्रह्मपुत्र नदी पर 4997 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले4-लेन धुबरी-फुलबाड़ीपुल यात्रा की दूरी 205 किलोमीटर से घटकर केवल 19 किलोमीटर रह जाएगी और यात्रा का समय 6 घंटे से मात्र 20 मिनट होजाएगा।

  1. 2- लेन का बड़ा पुल जिसमें एनएच-715के पर ब्रह्मपुत्र पर उत्तरी किनारे पर माजुली और दक्षिणी किनारे पर जोरहाट (6.8 किलोमीटर) पहुंच मार्ग शामिल है

परियोजना विवरण -

• जोरहाट से माजुली (निमाती घाट से कमलाबाड़ी घाट) को जोड़ेगा। माजुली द्वीप के लोगों की माजुली को जोरहाट से जोड़ने की पुराने लंबित मांग को पूरा करने के लिए जोरहाट से कमलाबाड़ी (माजुली) को जोड़ने के लिए एनएच-715केके निर्माण की घोषणा 17 नवंबर 2020 को की गई।

•04-02-2021 को 925.47 करोड़ रुपये अनुमानित परियोजना को स्वीकृति दी गई तथा 08-02-2021 को मैसर्स यूपी स्टेट ब्रिज कॉरपोरेशन लिमिटेड को कार्य सौंपा गया। इस पुल का निर्माण मार्च तक किया जाएगा।

•इस पुल की कुल लंबाई 6.8 किलोमीटर है। भारतीय आंतरिक जलमार्ग प्राधिकरण की आवश्यकताओं के अनुरूप ब्रह्मपुत्र नदी में जल परिवहन की सुविधा के लिए 125 मीटर लंबाई के (5 किलोमीटर)बाढ़ के उच्च स्तर पर 10 मीटर ऊंचाई वाले 40 स्पैन प्रदान किए गए हैं।

परियोजना के लाभ -

•माजुली द्वीप तक संपर्क प्रदान करेगा जो कि पिछले 500 वर्षों से असम की सभ्यता की सांस्कृतिक राजधानी और उद्गम है।

•माजुली द्वीप के लोगों को निकटवर्ती प्रमुख शहर जोरहाट पहुंचने में कम समय लगने से स्वास्थ्य, शिक्षा, आर्थिक गतिविधियों और विकास के बेहतर अवसर उपलब्ध हुए हैं।

•इस पुल से उत्तरी असम में उत्तरी लखीमपुर जिला मुख्यालय को संपर्क भी उपलब्ध हो गया है।

• पुल निर्माण से ब्रह्मपुत्र नदी में बाढ़ के दौरान माजुली द्वीप के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य आसानी से होगा।

 

II)  असम और मेघालय में एनएच- 127बी पर ब्रह्मपुत्र नदी पर 4- लेन धुबरी-फुलबाड़ीपुल

परियोजना विवरण -

•4997 करोड़ रुपये लागत के 19 किलोमीटर फोरलेन पुल को फरवरी2019में स्वीकृति दी गई थी और नवंबर 2020 में कार्य सौंपा गया। यह परियोजना सितंबर 2028 में पूरी होगी।

•राष्ट्रीय जलीय मार्ग पर परिवहन की सुविधा के लिए इन परियोजनाओं में उच्च स्तर पर 10.50 मीटर की ऊंचाई पर क्लीयरेंस और 12.625 किलोमीटर नौवहन दूरी प्रदान की गई है।

• इसमें आकस्मिक प्रतिक्रिया प्रणाली के लिए नियंत्रण कक्ष और बाढ़ निगरानी प्रणाली और 24 घंटे वाहनों को ट्रैक करने के लिए सीसीटीवी युक्त फास्टैग टोल व्यवस्था है।

परियोजना लाभ :-

•यह परियोजना धुबरी (असम) और फुलबाड़ी (मेघालय) के बीच सीधा संपर्क प्रदान करेगी। वर्तमान में उत्तरी किनारे पर धुबरी और दक्षिणी किनारे पर फुलबाड़ी के बीच संपर्क के लिए नौका सेवाएं ही एकमात्र साधन हैं और इस परियोजना से स्थानीय लोगों की बहुत पुरानी मांग पूरी होगी।

•पुल से मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और असम के बराक घाटी क्षेत्र को देश के शेष भागों से जोड़ने वाला तीसरा वैकल्पिक संपर्क प्राप्त होगा।

•ग्रामीण और शहरी अर्थव्यवस्थाओं के बीच संपर्क मजबूत होगा जिससे 20 लाख लोगों को आने-जाने की सुविधा प्राप्त होगी।

•पुल से निम्न संपर्क स्थापित होने से क्षेत्रीय संपर्क बेहतर होगा

•डालू (भारत-बांग्लादेश सीमा पर मेघालय में) के जरिए बांग्लादेश को भूटान से जोड़ेगा

•तूरा, फुलबाड़ी, धुबरी, श्रीरामपुर और समताइबाड़ी के रास्ते से हाटीसर (भारत-भूटान सीमा पर असम में) को जोड़ेगा

•फुलबाड़ी(पश्चिम मेघालय) और धुबरी (पश्चिम आसाम) के पास रहने वाले लोगों के लिए यात्रा की दूरी 205 किलोमीटर से घटकर 19 किलोमीटर रह जाएगी और यात्रा में लगने वाला समय 6 घंटे से कम होकर 20 मिनट हो जाएगा। इससे शहरी बाजार और आपूर्ति श्रृंखला तक संपर्क में भी सुधार होगा।




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