डीजीजीआई गुरुग्राम ने 7 फर्जी कंपनियों के जरिए 367 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में एक शख्स को गिरफ्तार किया
गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) गुरुग्राम, हरियाणा की जोनल यूनिट (जीजेडयू), ने हरियाणा के बहादुरगढ़ निवासी रितेष अग्रवाल को जाली, नकली और फर्जी कंपनियों का परिचालन कर फर्जी आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) प्राप्त करने और इस गलत तरह से प्राप्त आईटीसी का भुगतान सिगरेट का निर्यात दिखाकर आईजीएसटी के जरिये प्राप्त करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
अब तक हुई जांच से यह साबित हुआ कि मेसर्स एस.आर. इम्पेक्स के प्रोपराइटर श्री रितेष अग्रवाल एक अन्य फर्जी कंपनी मेसर्स एस.आर. इंटरनेशनल के भी नियंत्रक थे। इन कंपनियों की आपूर्ति श्रृंखला में 6 अन्य फर्जी कंपनियां – मेसर्स जोल्स ट्रेडिंग कंपनी, एएस ट्रेडर्स, एआर ट्रेडर्स, ओम ट्रेडर्स, कैपिटल इंडियाऔर एसएम इंटरप्राइज भी पाई गईं। रितेष अग्रवाल इन सभी के नियंत्रक थे। इन सभी कंपनियों में रितेष अग्रवाल ने वस्तु रहित चालान भरकर 376 करोड़ रुपये आईटीसी के जरिये हासिल किये। विभाग ने उनको 37.13 करोड़ रुपये का भुगतान करने की अनुमति दी।
इसके साथ ही पाया गया कि श्री रितेष अग्रवाल आदतन अपराधी हैं। पहले भी उनके खिलाफ इसी तरह की धोखाधड़ी के एक मामले में 26.53 करोड़ रुपये की मांग के संदर्भ में कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है। उस मामले में उन्होंने एक फर्जी कंपनी मेसर्स एस.एस. एंड कंपनी (जीएसटीआईएन 06डीजेयूपीडी5067जी2जेडडब्ल्यू) चलाकर फर्जी तौर पर आईटीसी हासिल की थी।इसके अलावा रितेष अग्रवाल उर्फ रवि गुप्ता को डीजीआरए द्वारा 01.03.2019 को एक अन्य कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इस मामले में उन्होंने विदेशी सुपारी के आयात के लिए फर्जी सार्टिफिकेट ऑफ ऑरिजन दिखाकर भुगतान हासिल किया था।
उनके खिलाफ दिल्ली और हरियाणा के कई स्थानों पर जांच की गई और
दस्तावेजी सबूतों तथा इन कंपनियों के बहुत से आपूर्तिकर्ताओं के रिकॉर्ड
किये गये बयानों के आधार पर यह पाया गया कि रितेष अग्रवाल जाली, नकली
और फर्जी कंपनियां बनाने तथा गलत तरीके से 376 करोड़ रुपये की आईटीसी
प्राप्त करने का रैकेट चलाने का मुख्य साजिशकर्ता है। इसके बाद
रितेष अग्रवाल को 09.02.2021 को गिरफ्तार कर पटियाला हाउस कोर्ट, दिल्ली
में डयूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उसे न्यायिक
हिरासत में भेजने का आदेश दिया। मामले में आगे की जांच-पड़ताल जारी है।