जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में बड़ा ऐलान, जानिए जीएसटी काउंसिल की बैठक में क्या-क्या फैसला लिया गया
कोरोना के हालात को देखते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतीरमण ने बड़ा ऐलान करते हुए जीएसटी से जुड़ें सामानों पर 31 अगस्त तक इंपोर्ट ड्यूटी हटाने का फैसला किया है. वित्त मंत्री ने मौजूदा हालात और इंडस्ट्री की मांग को देखते हुए ये फैसला किया है कि कोविड के सामान पर इंपोर्ट ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी. कोरोना काल में जीएसटी की ये मीटिंग पूरे सात महीने बाद हुई है. कोरोना के सेकेंड वेब को देखते हुए सरकार ने ये फैसला किया है कि कोरोना से जुड़ी चीजों पर राहत दी जाए.
कोरोना मेडिसिन और इक्विपमेंट पर जीएसटी में कटौती को लेकर निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा हुई. कई मामले उठाए गए और उन मुद्दों पर चर्चा हुई. जीएसटी काउंसिल ने 31 अगस्त 2021 तक कोरोना इक्विपमेंट्स के इंपोर्ट पर जीएसटी छूट का फैसला किया है. COVID इक्विपमेंट्स पर जीएसटी में तात्कालिक छूट दी गई है. टैक्स में छूट को लेकर एक ग्रुप ऑफ मिनिस्ट्रीज का गठन किया गया है. 8 जून से पहले तक इस बात को लेकर आखिरी फैसला लिया जाएगा कि क्या किसी और इक्विपमेंट्स पर टैक्स में कटौती की जानी चाहिए. ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने Amphotericin B को जीएसटी से छूट की कैटिगरी में शामिल किया गया है
छोटे कारोबारियों और टैक्सपेयर के हितों को देखते हुए सरकार ने एमेन्सटी
स्कीम के तहत राहत देते हुए लेट फीस को घटा दिया है.टैक्सपेयर्स को राहत की
बात करें तो जिन टैक्सपेयर्स का टर्नओवर 2 करोड़ से कम है, उनके लिए वित्त
वर्ष 2020-21 के लिए सालाना रिटर्न फाइलिंग को वैकल्पिक रखा जाएगा. वित्त
वर्ष 2020-21 के लिए रिकंसिलेशन स्टेटमेंट केवल उन टैक्सपेयर्स को जमा करना
होगा जिनका सालाना टर्नओवर 5 करोड़ से ज्यादा है.
कोरोना वैक्सिनेशन को लेकर निर्मला सीतारमण ने कहा कि दो वैक्सीन
मैन्युफैक्चर (सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक) को 4500 करोड़ का पेमेंट
किया गया है. वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर सरकार जापान और यूरोपियन यूनियन
के वैक्सीन मैन्युफैक्चरर्स के साथ भी संपर्क में है. आने वाले कुछ महीनों
में वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता होगी.
कोरोना कंपेनसेशन को लेकर निर्मला सीतारमण ने कहा कि 14 फीसदी के कंपेनसेशन
प्रोटेक्टेड रेवेन्यू अरेंजमेंट की पांच साल की समय सीमा समाप्त हो रही
रही है. जीएसटी को 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था. उस समय इसे पांच
सालों के लिए लागू किया गया था. ऐसे में राज्यों को यह भरोसा दिया गया है
कि कंपेनसेशन के मुद्दे पर जीएसटी काउंसिल की एक एक्सक्लूसिव बैठक होगी
जिसमें केवल इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी.
GST compensation cess को लेकर पुराने फॉर्म्युला को अपनाने की बात की गई
है. अनुमान है कि कंपेनसेशन में कमी को लेकर केंद्र सरकार को 1.58 लाख
करोड़ रुपए का कर्ज अलग से लेना होगा. केंद्र कर्ज के पैसे से राज्यों के
हिस्से की भरपाई करेगी.