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वर्क फ्रॉम होम, पार्ट टाइम काम दिलाने के नाम पर ठगी से रहें सावधान, फ्राड से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

हम कोरोना वायरस (Covid-19 ) के युग में जी रहे हैं। ऐसे में ज्यादातर कंपनियों ने अपने स्टॉफ को 'वर्क फ्रॉम होम' (Work From Home) कर दिया है। आईटी कंपनियां अपने कर्मचारियों को इस वायरस से बचाने के लिए वर्क फ्रॉम होम का ऑफर दे रही हैं। वायरस के कारण कई लोगों की नौकरी चली गई (lost jobs in pandemic) और वे अपने घर का खर्च चलाने के लिए ऑफलाइन या ऑनलाइन काम की खोज रहे हैं। बेरोजगारी (unemployment) की इस स्थिति ने घोटालेबाजों की गैंग भी एक्टिव हो गई है जो सोशल मीडिया (social media) पर घर से पार्ट टाइम काम दिलाने के नाम पर लोगों के साथ धोखा कर रही हैं। आइए जानते हैं ऐसे लोगों से कैसे बचें?

पुलिस के डेटा से पता चलता है कि सबसे ज्यादा साइबर क्राइम क्रेडिट/डेबिट कार्ड के जरिए होता है। इस मामले में फेसबुक तीसरे स्थान पर हैं और लगभग 84,545 धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं।

कैसे किया जाता है फ्रॉड
ज्यादातर जालसाजों के लिए ऑनलाइन जॉब पोर्टल अपने शिकार को खोजने का सबसे बढ़िया जरिया होते हैं. ये इस तरह से लोगों को फांसते हैं:

1. जॉब रिक्रूटमेंट साइट से नौकरी तलाशने वाले की प्रोफाइल निकाली जाती है.
2. जो शिकार बन सकते हैं, उन सभी को बल्क में मेल भेजा जाता है.
3. फ्रॉड करने वाले खुद को जॉब कंसल्टेंट के तौर पर पेश करते हैं. ये अपनी फर्जी वेबसाइट, अस्थायी दफ्तर दिखाते हैं. 

4. लोगों से वॉलेट या बैंक ट्रासफर के जरिये रजिस्ट्रेशन फीस जमा करने के लिए कही जाती है.
5. ऑनलाइन या टेलीफोन से इंटरव्यू किया जाता है.
6. फर्जी एपॉइंटमेंट लेटर भेजे जाते हैं.

किसे बनाया जाता है शिकार?
इस तरह के लोगों पर ठगों की होती है नजर:
-टियर 2 या टियर 3 शहरों के युवा
-कम लोकप्रिय कॉलेज या संस्थानों के ग्रेजुएट
-खराब कम्यूनिकेशन स्किल वाले युवा
-0-5 साल का कार्य अनुभव
-20-25 साल की उम्र
-अंग्रेजी लिखने और बोलने में कच्चे
-कम कुशल
-जिन्होंने जॉब पोर्टल पर अप्लाई किया हो

कैसे शिकार बनाते हैं जालसाज?
लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए ये ठग अलग-अलग तरीके अपनाते हैं.

ई-मेल : नौकरी देने का रैकेट चलाने वालों के लिए संभवतः यह सबसे आसान तरीका है. हसन कहते हैं, "खुद को फ्रीलांस जॉब कंसल्टेंट के रूप में पेश कर ये Monster, Naukri, TimesJobs और Shine जैसे तमाम जॉब पोर्टल से लोगों की प्रोफाइल तक पहुंच हासिल कर लेते हैं." इसके बाद ये बल्क में मेल भेजते हैं. अगर ये 5 फीसदी को भी अपना शिकार बनाने में सफल होते हैं तो ठीकठाक पैसा बना लेते हैं. लोगों से सिक्योरिटी डिपॉजिट, इंटरव्यू फीस या अन्य चार्ज के नाम पर पैसा जमा करने के लिए कहा जाता है.

फर्जी वेबसाइट : लोगों को गुमराह करने के लिए ठग नामचीन कंपनियों, जॉब पोर्टल या सरकारी विभागों की डुप्लीकेट वेबसाइट बनाते हैं. TeamLease Services में सीनियम वाइस प्रेसि‍डेंट नीति शर्मा कहती हैं, "बेवसाइट बनाने के बाद फिर फरेबी इस पर फर्जी नौकरी पोस्ट करते हैं. टेस्ट लिए जाते हैं. रिजल्ट अपलोड किया जाता है. इसी बीच उनसे तरह-तरह की फीस वसूल ली जाती है."

कैंपस प्लेसमेंट : कुछ जालसाल छोटे शहरों में जॉब कंसल्टेंट बनकर सीधे कॉलेज या इंस्टीट्यूट के चेयरमैन से संपर्क करते हैं. वे टॉप फॉर्मों में प्लेसमेंट कराने का वादा करते हैं. इसके बदले एकमुश्त बड़ी रकम वसूल लेते हैं. इंटरव्यू से पहले ही ये चंपत हो जाते हैं.

विश्वसनीय वेबसाइटों पर जाएं : ज्यादातर कंपनियां अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर नई नौकरियां पोस्ट करती हैं. इस तरह संदेहास्पद मेल की जगह कंपनी के करियर पेज पर जाएं. साइट पर सीधे अप्लाई करें. विदेश में नौकरी के लिए भारत में 'एजेंटों' से संपर्क कतई न करें.

जॉब पोजिशन के साथ सीवी पोस्ट करें : जॉब पोर्टल पर सीवी पोस्ट करते हुए सुनिश्चित कर लें कि उस पर वह पोस्ट लिखी गई हो जिसके लिए आवेदन कर रहे हैं. इसके रेस्पॉन्स में जो भी मेल मिलेगी, उसमें इस पोस्ट का जिक्र होगा

मेल/लेटर में खामियां तलाशें : मेल के जरिये संपर्क करने वालों के इरादे पस्त करने का सबसे अच्छा तरीका उसे अच्छी तरह से पढ़ना है. तब सतर्क हो जाना चाहिए अगर इसमें ई-मेल एड्रेस नहीं है. लेटर की फॉर्मेटिंग, स्पेलिंग की गलतियां इत्यादि को भी देखें.

फर्म को कॉल कर मेल को सत्यापित करें : ऑफर या एपॉइंटमेंट लेटर में कोई शक है तो कंपनी के पंजीकृत लैंडलाइन नंबर पर कॉल करें. चेक करें कि जिस व्यक्ति ने मेल भेजा है, वह वास्तव में है कि नहीं.

बहुत लुभावने जॉब ऑफर से सतर्क रहें : अगर आपको 70-80 फीसदी का इंक्रीमेंट ऑफर किया जाता है या फिर मार्केट ट्रेंड के अनुरूप नहीं है तो जान लें कि यह निश्चित ही फेक जॉब ऑफर है. मुखर्जी कहते हैं, "एक दूसरा इंडिकेटर यह है कि आपको बगैर औपचारिक इंटरव्यू के ऑफर लेटर थमा दिया जाए."




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