news-details

आईटी नियमों के अनुपालन के लिए ट्विटर को एक आखिरी मौका

सरकार ने शनिवार को ट्विटर को नोटिस जारी कर उसे तत्काल नए आईटी नियमों के अनुपालन के लिए ‘एक आखिरी मौका’ दिया है। सरकार की ओर से आगाह किया गया है कि यदि ट्विटर इन नियमों का अनुपालन करने में विफल रहती है, तो वह आईटी कानून के तहत दायित्व से छूट को गंवा देगी।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि ट्विटर द्वारा इन नियमों के अनुपालन से इनकार से पता चलता है कि माइक्रोब्लॉगिंग साइट में प्रतिबद्धता की कमी है और वह भारत के लोगों को अपने मंच पर सुरक्षित अनुभव प्रदान करने का प्रयास नहीं करना चाहती। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा, ‘भारत में करीब एक दशक से अधिक से परिचालन के बावजूद यह विश्वास करना मुश्किल है कि ट्विटर ने एक ऐसा तंत्र विकसित करने से इनकार कर दिया है,

जिससे भारत के लोगों को उसके मंच पर अपने मुद्दों के समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से उचित प्रक्रिया के जरिये हल में मदद मिलती।’ मंत्रालय ने कहा कि ये नियम हालांकि 26 मई, 2021 से प्रभावी हैं, लेकिन सद्भावना के तहत टि्वटर इंक को एक आखिरी नोटिस के जरिये नियमों के अनुपालन का अवसर दिया जाता है। उसे तत्काल नियमों का अनुपालन करना है। यदि वह इसमें विफल रहती है, तो उसे दायित्व से जो छूट मिली है, वह वापस ले ली जाएगी। साथ ही उसे आईटी कानून और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा। नोटिस में हालांकि यह नहीं बताया गया है कि ट्विटर को इन नियमों का अनुपालन कब तक करना है।

मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि इस मंच पर जिन लोगों को अपमानित किया जाता है, या जो मानहानि या यौन प्रताड़ना का शिकार होते हैं, उन्हें एक शिकायत निपटान व्यवस्था पाने का अधिकार है।

6 महीने तक निष्कि्रय रहने के बाद ब्लू बैज हटाया

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के ब्लू टिक चिह्न हटाए जाने के बाद छिड़े विवाद में ट्विटर ने शनिवार को कहा कि अगर अकाउंट अधूरा है या छह महीने तक निष्क्रिय रहता है तो नियमों के तहत ब्लू बैज अपने आप हट जाता है। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के निजी अकाउंट पर ब्लू बैज को शनिवार की सुबह ट्विटर ने हटा दिया था और बाद में इसे बहाल कर दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के निजी अकाउंट में भी ब्लू बैज नहीं था और इसे बाद में बहाल कर दिया गया। संघ की कई अन्य प्रमुख हस्तियों जैसे सुरेश जोशी और अरुण कुमार के साथ भी ऐसा ही हुआ।




अन्य सम्बंधित खबरें