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फर्जी सम्पादक व फर्जी पत्रकार भेजे जाएंगे जेल...लिखित नोटिस किया जा चुका है जारी

डिजिटल मीडिया के इस युग में न्यूज़ पोर्टलों की बाढ़ सी आ गई। ज्यादातर न्यूज़ पोर्टल व यूट्यूब न्यूज़ चैनलों के संचालकों ने खुद को सम्पादक घोषित कर रखा है तथा फर्जी प्रेस कार्ड भी जारी कर रहे हैं। ऐसे मामलों की गम्भीरता को देखते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (RNI) सख्ती से निपटने जा रही है। सोशल साइट न्यूज़ पोर्टल व यूट्यूब पर न्यूज़ चैनल बनाकर स्वयं को सम्पादक लिखने वाले जालसाजों पर केस दर्ज कर जेल भेजे जाने की तैयारी सरकार द्वारा की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ जिन लोगों ने शीर्षक पंजीयन के बाद पंजीयन नहीं कराया है और अखबार पत्र-पत्रिकाओं का संचालन कर रहे हैं ऐसे लोगों के खिलाफ भी कार्यवाही करने का मन सूचना प्रसारण मंत्रालय बना चुका है

सूत्रों अनुसार इतना भी ज्ञात हुआ है कि बिना आर एन आई के देशभर में चल रहे समाचार पत्र पत्रिका को प्रथम दृष्टया लिखित नोटिस भी जारी किया जा चुका है बावजूद इसके उन्होंने अभी तक पंजीयन नहीं कराया है और उनका कार्य निरंतर जारी है ऐसे लोगों पर भी पूर्णता शिकंजा लगाने का कार्य किया जा रहा है। मंत्रालय का स्पष्ठ कहना है कि प्रेस कार्ड को जारी करने का अधिकार सिर्फ RNI रजिस्टर्ड समाचार पत्रों के सम्पादक को ही है तथा ऐसे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चैनल जो मिनिस्ट्री ऑफ ब्रॉडकास्ट से मान्यता प्राप्त हैं वह भी जारी कर सकते हैं। अब सरकार द्वारा अभियान चलाकर फर्जी सम्पादकों पर नकेल कसी जाएगी और उनके खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी, विश्वस्त सूत्रों से इतना भी पता लगाया कि यूट्यूब वेबसाइट वेब मीडिया के साथ-साथ बिना आर एन आई वाले समाचार पत्र पत्रिका यदि निर्धारित समय में उन्होंने पंजीयन नहीं कराया है तो उन्हें पूर्णता बंद करने की भी तैयारी की जा चुकी है

फर्जी पत्रकारों पर भी होगी कार्यवाही मंत्रालय द्वारा यह भी स्पष्ट रूप से कहा गया कि बिना RNI नम्बर के फर्जी प्रेस कार्ड धारण करने वाले अयोग्य कथित पत्रकारों पर भी शिकंजा कसा जाएगा तथा उनके विरुद्ध भी विधिक कार्यवाही की जाएगी। कौन जारी कर सकता है प्रेस कार्ड प्रेस कार्ड जारी करने का अधिकार सिर्फ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संस्थानों को ही है।




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