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ऑक्सीजन की कमी से नहीं बल्कि कोरोना के साथ-साथ अन्य बीमारियों के कारण हुई चंद्रकला मरकाम की मृत्यु : डॉ. जे.एल. उइके

मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.एल. उइके ने कहा कि कांकेर शहर के बरदेभाटा वार्ड निवासी चंद्रकला मरकाम की मृत्यु ऑक्सीजन की कमी से नहीं बल्कि कोविड-19 के साथ-साथ अनियंत्रित उच्च रक्तचाप, मधुमेह एवं मोटापे के कारण हुई है। उन्होंने बताया कि वेंटीलेटर मशीन बंद होने व उनमें प्रदर्शित होने वाली संदेशों की जो बात कही गई है, वह क्षणिक घटना थी, जो तत्काल ठीक की जा चुकी थी।

उक्त घटना ऑक्सीजन सिलेण्डर बदलने के दौरान की थी। ऑक्सीजन सिलेण्डर खाली होने पर उसे तत्काल बदलना आवश्यक होता है, ताकि मरीज को निर्बाध रूप से ऑक्सीजन की सप्लाई हो सके। इस दौरान पाईप लाईन में क्षणिक दबाव कम होने के कारण वेंटीलेटर पर अलर्ट संदेश आने लगते हैं, जो कि चंद सेकेण्ड के लिए होते हैं। प्रदर्शित होने वाले अन्य संदेश मरीज के फेफड़े की खराबी की वजह से आ रहे थे। उस समय कोविड अस्पताल में 13 मरीज आॅक्सीजन सपोर्ट पर थे, जिसके कारण आॅक्सीजन की खपत तेजी से हो रहा था। डॉ. उइके ने कहा कि मरीज के फेफड़े बीमारी की वजह से इतना ज्यादा खराब हो चुके थे कि उसके जल्द ठीक होने की संभावना नहीं थी। एक्स-रे में मरीज के दोनों फेफड़े बीमारी से बुरी तरह प्रभावित हो चुके थे। मरीज का सीआरपी रिपोर्ट जांच में सामान्य से 9 गुना बढ़ा पाया गया। सीरम इलेक्ट्रोलाईट भी इन्बैलेंस पाया गया। हर संभव कोशिश करने के बाद भी मरीज को नहीं बचाया जा सका और उनकी मृत्यु हो गई।

मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.एल. उइके ने बताया कि चंद्रकला मरकाम की कोविड-19 एंटीजन टेस्ट 03 मई 2021 को की गई थी, जिसमें रिपोर्ट धनात्मक पाया गया। धनात्मक रिपोर्ट आने के बाद मरीज का ईलाज उनके परिजनों द्वारा घर में रखकर एक हफ्ते तक किया गया। घर में उपचार के दौरान मरीज की तबियत और बिगड़ती गई, जिसके कारण उन्हें 09 मई 2021 को कोविड अस्पताल अलबेलापारा में उपचार के लिए भर्ती किया गया। शुरूआत से ही मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था, उनका आॅक्सीजन सेच्यूरेशन 75 प्रतिशत था, जो कि बहुत कम था। मरीज को एनआरबीएम मास्क से आॅक्सीजन सपोर्ट देने के बाद भी यथोचित फायदा न मिलने के कारण उन्हें वेंटीलेटर पर एनआईव्ही मोड पर रखा गया, एनआईव्ही मोड पर रखने के बाद भी यथोचित फायदा नहीं मिल पा रहा था।

वेंटीलेटर सुविधा अलबेलापारा से कोविड अस्पताल ईमलीपारा में बेहतर होने के कारण मरीज को 24 मई 2021 को कोविड अस्पताल ईमलीपारा शिफ्ट किया गया। उपचार संबंधी समस्त उपाय करने के बाद भी मरीज की स्थिति में पर्याप्त सुधार नहीं हो पा रहा था और मरीज की स्थिति बिगड़ती जा रही थी, मरीज के परिजन को 30 मई 2021 को बता दिया गया था कि मरीज की स्थिति बहुत नाजुक है तथा अंतिम विकल्प के रूप में इन्वेसिव मोड पर इंटुबेट करना पड़ेगा, लेकिन शिकायतकर्ता की ओर से उक्त प्रक्रिया करने के लिए सहमति देने से इंकार कर दिया गया।

मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. उइके ने बताया कि 01 जून 2021 को मरीज अचेत होने लगी थी, फलस्वरूप अंतिम विकल्प के रूप में चिकित्सकीय टीम की ओर से मरीज को वेंटीलेटर के इन्वेसिव मोड में रखने का फैसला लिया गया, इसके पूर्व चिकित्सकीय टीम ने शिकायतकर्ता से पूर्व सहमति लेकर उन्हें इससे होने वाले खतरे के बारे में पूरी जानकारी दी तथा उसके बाद मरीज को इन्वेसिव मोड पर रखा गया था। डॉ. उइके ने कहा कि मरीज के ईलाज में चिकित्सकीय टीम की ओर से कोई चूक नहीं की गई थी, पीड़ित परिवार के प्रति हमारी पूरी सहानुभूति है।




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