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मेडिकल में आरक्षण पर नई नीति,....छात्रों को सीधे तौर पर फायदा...5 Points में समझिए क्या है

कल 29 जुलाई को केंद्र सरकार ने देश में मेडिकल की पढ़ाई को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला किया. इस फैसले के तहत अब देशभर के मेडिकल कॉलेजों में OBC समुदाय और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को भी आरक्षण मिलेगा. यानी ये फैसला केंद्र की मोदी सरकार का एक ऐसा मास्टर स्ट्रोक है, जो देश के पिछड़ों और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को सीधे तौर पर फायदा देगा. इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि इस फैसले के क्या मायने हैं? लेकिन सबसे पहले आपको ये बताते हैं कि इस निर्णय के बाद किसको कितना आरक्षण मिलेगा

नई नीति के तहत अब अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और डिप्लोमा स्तर के मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन के लिए OBC समुदाय के छात्रों को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा. अभी ये व्यवस्था OBC समुदाय के छात्रों के लिए सिर्फ केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में थी, लेकिन अब राज्यों के मेडिकल कॉलेजों में भी छात्रों को आरक्षण का फायदा मिलेगा.

ये ऐतिहासिक इसलिए भी है क्योंकि, आजादी के बाद से 73 वर्षों में देश में ऐसी व्यवस्था नहीं थी. मोदी सरकार का ये फैसला इसी सत्र से यानी 2021-2022 से लागू हो जाएगा. इसमें ऑल इंडिया कोटा स्कीम के तहत OBC समुदाय और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को MBBS, Doctor Of Medicine, Master of Surgery, Diploma, Bachelor of Dental Surgery और MDS के Medical Courses में आऱक्षण के आधार पर दाखिला मिल सकेगा.

ऑल इंडिया कोटा स्कीम की शुरुआत वर्ष 1986 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर हुई थी. तब इस स्कीम के तहत ये व्यवस्था की गई कि छात्र दूसरे राज्यों के मेडिकल कॉलेजों में भी प्रवेश ले सकें.

उस समय अंडरग्रेजुएट की 15 प्रतिशत सीटें और पोस्ट ग्रेजुएट की 50 प्रतिशत सीटें दूसरे राज्यों के छात्रों के लिए आरक्षित की गईं.

हालांकि वर्ष 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने ही इसी ऑल इंडिया कोटा स्कीम में Scheduled Caste के लिए 15 प्रतिशत सीटें और Scheduled Tribes के लिए 7.5 प्रतिशत सीटों के आरक्षण को मंजूरी दे दी.

सरल शब्दों में कहें, तो ऑल इंडिया कोटा स्कीम में Under Graduate के लिए जो 15 प्रतिशत सीटें और Post Graduate की जो 50 प्रतिशत सीटें थीं, उन्हीं में से SC और ST समुदाय के छात्रों को आरक्षण दिया गया और अब जो OBC समुदाय को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को 10 प्रतिशत आरक्षण मिला है, वो भी इसी कोटे से है. इस फैसले से मौजूदा सत्र में OBC समुदाय और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 5 हजार 550 छात्रों को फायदा मिलेगा.






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