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संविदा कर्मियों को बड़ा तोहफा... नियमितीकरण में प्राथमिकता...

प्रदेश में बिजली विभाग के अंतर्गत कार्यरत 2500 संविदा कर्मियों के मानदेय में प्रतिमाह 5000 के वृद्धि की घोषणा होते ही हड़ताल समाप्त हो गया है। ज्ञात हो की प्रदेशभर में कार्यरत लगभग 2500 बिजली विभाग के कर्मचारी पिछले 13 दिनों से लगातार अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे। बिजली संविदा कर्मचारी संघ के कोषाध्यक्ष ने बताया कि स्टेट पावर कम्पनी के चेयर मैन से कल हुई चर्चा के बाद आज हड़ताल समाप्ति की घोषणा कर दी गई है। बिजली विभाग संविदा कर्मचारी संघ के कोषाध्यक्ष अभिषेक वर्मा ने बताया कि स्टेट पावर कंपनी के चेयरमेन से कल देर शाम चर्चा हुई। चर्चा के दौरान कई बिंदुओं पर सहमति बनी है। जिसमे से प्रदेशभर में कार्यरत बिजली विभाग के संविदा कर्मचारियों को अब आगामी माह सितम्बर से 8 हजार रूपये के बजाय अब 13000 रु. प्रतिमाह मानदेय मिलेगी। देर रात चर्चा के बाद आज हड़ताल समाप्ति की घोषणा की गई है।

बिजली कर्मचारी 10 अगस्त से लगातार आंदोलन कर रहे थे। उनके तीन सूत्रीय मांगों में प्रमुख रूप से मानदेय बढ़ाने, भरे जा रहे पदों की संख्या को बढांने, नियमितीकरण की मांग और अनुकम्पा नियुक्ति की मांग शामिल था। चर्चा के बाद सभी संविदा बिजली कर्मियों के वेतन में 5 हजार की बढ़ोतरी का ऐलान हो गया है। वही अन्य सभी बिंदुओं जैसे 1500 पदों में भर्ती के जगह 3000 पदों में भर्ती की सहमति बनी है ताकि प्रदेश में कार्यरत सभी 2500 कर्मियों की आसानी से नियमितीकरण हो सके। संविदा बिजली कर्मचारी संघ में दो फाड़ की स्थिति निर्मित हो गई है। संगठन के कोषाध्यक्ष के मुताबिक़ हड़ताल समाप्त हो गई है। लेकिन अभी भी 200 - 300 कर्मचारी अपने मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे है। धरना प्रदर्शन कर रहे ज्यादातर कर्मचारी अनुकम्पा और मुआवजा प्रकरण के सम्बन्ध में ठोस निर्णय की मांग कर रहे है। आंदोलन में डटे कर्मचारी अपने मांग को लेकर ही वापस जाने की बात कर रहे है।


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