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गोमांस तस्‍करी के आरोप में गिरफ्तार युवक की लॉक-अप में मौत.....दर्जनों बीफ तस्करी के सामने सिर्फ मुसलमान...मुसलमानों की सुरक्षा पर सवाल

हर बार की तरह इस बार भी गोमांस की तस्करी के मामले में एक व्यक्ति को पकड़ा गया....जिसका नाम है कासिम अब्दुला हयात....यह पहली बार नहीं है बल्कि दर्जनों ऐसे केसेस है...शायद किसी को याद होगा पहलु खान मोब लिंचिंग केस के बारे में

Pehlu Khan Lynching Case) में अलवर कोर्ट से बरी हुए छह लोगों के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट ने 6 सितंबर को जमानती वारंट जारी किया. 1 अप्रैल 2017 को पहलू खान को कथित रूप से पशु तस्करी के शक में कुछ लोगों ने बेरहमी से पीटा, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी.

जस्टिस गोवर्धन बर्धर और जस्टिस विजय बिश्नोई की बेंच ने पीड़ित के बेटों- इरशाद और आरिफ की याचिका पर ये समन जारी किया. बेंच ने याचिका को राजस्थान सरकार द्वारा निचली अदालत के बरी करने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका के साथ जोड़ते हुए आदेश दिया.

पहलू खान और उनके बेटे 1 अप्रैल, 2017 को जयपुर से हरियाणा के नूंह जिले की ओर जा रहे थे, जब गोरक्षकों ने उन्हें जयपुर-दिल्ली नेशनल हाईवे पर बहरोड़ में रोक दिया. गौ तस्करी के शक में भीड़ ने उनकी पिटाई कर दी, जिसके बाद 3 अप्रैल को अलवर के एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी.

इसके बाद, इस मामले में दो एफआईआर दाखिल की गई थी. एक पहलू खान की हत्या को लेकर भीड़ के खिलाफ, और दूसरी, गैरकानूनी रूप से पशुओं को ट्रांसपोर्ट करने के लिए पहलू खान और उनके बेटों के खिलाफ.

साल 2019 में राजस्थान हाईकोर्ट ने खान और उनके दो बेटों के खिलाफ चार्जशीट खारिज कर दी थी.

काफी पुरानी बात है जिसके न्याय में सालों भी लग गए. सिर्फ पहलु खान नहीं बल्कि कथित तौर पर पिछले दिनों ही कुछ लोगो ने चूड़ी बेचने वाले को सिर्फ इसलिए पीटा था कि वह मुसलमान हो कर नाम बदल कर चुडिया बेचने उनके इलाके में आया था लोगो ने अपने लिए और अन्य समुदाय के लिए इलाके तक घोषित कर लिए है और फिर बाते होती है एकता की...


पंचमहल पुलिस के मुताबिक गोधरा बी डिवीजन पुलिस ने कासिम अब्दुल्ला हयात नाम के एक आरोपी को गाय का मांस ले जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। लेकिन मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए जाने से पहले उसने गुरुवार तड़के लॉक-अप के अंदर आत्महत्या कर ली। पुलिस का दावा है कि वारदात सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई है। पुलिस ने आरोपी को तब गिरफ्तार किया जब वह अपने स्थानीय ग्राहकों को मांस देने जा रहा था।

पंचमहल जिले की पुलिस अधीक्षक लीना पाटिल ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “बुधवार को शाम 7.45 बजे प्राथमिकी दर्ज की गई और आरोपी की आज सुबह करीब 3.20 बजे लॉक-अप के अंदर मौत हो गई। हमारे पास सीसीटीवी फुटेज है, जिसमें वह बेडशीट फाड़कर लॉक-अप के गेट के पास फांसी लगा लेता है। यह आंशिक फांसी थी। हमने रिपोर्ट तैयार करने के लिए मेडिकल प्रक्रिया शुरू कर दी है।”

बताया गया कि आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 429 (मवेशियों को मारना या अपंग करना), पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11 (जानवरों के साथ क्रूर व्यवहार करना), और गुजरात पशु संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2017 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

हयात के परिवार ने घटना की जांच की मांग की है और पुलिस ने शव के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मृतक के एक रिश्तेदार ने कहा, ‘मैं कासिम से 14 सितंबर को थाने में मिला था। उसने मुझे बताया कि पुलिस ने उसके साथ मारपीट की और उसे यह कबूल करने के लिए मजबूर कर रही थी कि वह गोमांस ले जा रहा था। उसने मुझसे कहा था कि मैं उसके भाई से उसके लिए मदद मांगने के लिए कहूं। जब मैं आज सुबह करीब साढ़े सात बजे उसका टिफिन और चाय लेकर आया तो पुलिस ने मुझे अंदर नहीं जाने दिया… उन्होंने मुझे यह नहीं बताया कि वह मर गया है। थाने के किसी व्यक्ति ने हमें बताया कि पिछली रात उसे प्रताड़ित किया गया था।”

तालिबान को लेकर लेकर जहाँ पुरुषो से पहले महिलाओं ने अपनी पढाई को लेकर मोर्चा खोला है वही मुसलमानो को लेकर मामला भारत में गरम है...अभी भी मोब लिंचिंग केसेस के डाटा देखे थे आकड़े में सबसे ज्यादा मुसलमानों के ही नाम दर्ज है तो क्या हम यह मान ले कि इन समुदाय के लोगो के पास काम करने को कुछ नहीं है...हालांकि यह बात भी जानकारी में रखनी होगी कि इतिहास में भी अल्पसंख्यक समुदाय के साथ कैसे व्यवहार रहे है और धार्मिक मुद्दे में सभी के गरम जोशी को हम मिनटों में देख सकते है...सिर्फ उत्तर प्रदेश नहीं बल्कि बंगाल और गुवाहाटी तक पहलु खान अख़लाक़ अलवर जुनैद जैसे कई नाम शामिल है




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