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तड़पती रही गर्भवती दो घंटे डॉक्टर ने देखा तक नहीं, व्हील चेयर पर ही मृत बच्चे को दिया जन्म शीर्षक से प्रकाशित घटना के संबंध में विभागाध्यक्ष शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबंद्ध चिकित्सालय ने दी जानकारी

विभागाध्यक्ष प्रसूति एवं स्त्रीरोग विशेषज्ञ ने स्वयं मरीज का किया था इलाज

 प्रारंभिक जांच में अजन्मे बच्चे की गर्भ में मृत्यु की आशंका पर मृत्यु की पुष्टि के लिए सोनोग्राफी करवाने भेजा

 पुष्टि होने पर तत्काल लेबर रूप शिफ्ट करने के दिए निर्देश

 प्रसूति कक्ष के अंदर व्हील चेयर में हुआ गर्भपात

राजनांदगांव.   दैनिक समाचार पत्रों में 27 नवम्बर को 'तड़पती रही गर्भवती दो घंटे डॉक्टर ने देखा तक नहीं, व्हील चेयर पर ही मृत बच्चे को दिया जन्मÓ शीर्षक से प्रकाशित घटना के संबंध में वस्तुस्थिति की जानकारी विभागाध्यक्ष शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबंद्ध चिकित्सालय से ली गई। उनके अनुसार विभागाध्यक्ष प्रसूति एवं स्त्रीरोग विभाग ने स्वयं मरीज को देखा। प्रारंभिक जांच में उन्हें अजन्मे बच्चे की गर्भ में मृत्यु की आशंका हुई तो उन्होंने मृत्यु की पुष्टि के लिए सोनोग्राफी करवाने भेजा। पुष्टि होने के पश्चात प्रसूता को लेबर रूम में तत्काल शिफ्ट करने को कहा गया। इस दौरान वापसी में प्रसूति कक्ष के अंदर व्हील चेयर में स्वत: गर्भपात हो गया। प्रसूति महिला हाई बीपी से पीडि़त थी, उसे 7 माह का गर्भ था। 5 से 7 दिनों तक उसके परिजन अन्यत्र चिकित्सा करवाने के बाद गंभीर स्थिति में यहां लेकर आए थे। समाचार पत्र में प्रकाशित इस खबर का खंडन करते हैं कि चिकित्सालय में चिकित्सकों द्वारा चिकित्सा में लापरवाही बरती गई है।




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