news-details

जन-जागरण एवं उचित परामर्श से नशे का इलाज संभव है

जगदलपुर: नशे से होने वाले दुष्प्रभावों व उनसे बचाव के बारे में जानकारी देने के लिये एनसीसी कैडेट्स को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। एनसीसी दिवस के 73 वें वार्षिक समारोह पर बस्तर हाई स्कूल जगदलपुर में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया । कार्यक्रम के उपरांत छात्रों ने तम्बाकू व नशे से दूर रहने के लिए शहर में रैली निकाली और आमजनों को पम्पलेट भी बांटे।

प्रशिक्षण के सम्बंध में जानकारी देते हुए में मनोवैज्ञानिक सलाहकार उमाशंकर साहू ने बताया, "नशा एक ऐसी आदत है जो समाज मे तेजी से फैल रही है। यह युवा पीढ़ी को लगातार अपनी चपेट में लेकर उसे कई तरह से बीमार बना रही है। एन.एफ.एच.एस.-5 की रिपोर्ट के अनुसार बस्तर जिले में 15 वर्ष से अधिक उम्र के 55.5% पुरुष किसी ना किसी प्रकार के तम्बाकू या तम्बाकू से बने उत्पाद का सेवन करते हैं वहीँ 36% महिलायें भी तम्बाकू से बने उत्पादों का उपयोग कर रहीं हैं। ऐसे में युवाओं को इससे बचाना अत्यंत आवश्यक है। किसी भी तरह के नशे से मुक्त होने की सबसे अच्छी विधि यही है कि खुद को ज्यादा से ज्यादा व्यस्त रखें। ज्यादातर मामलों में लोग तनाव की वजह से नशे के आदी बनते हैं। ऐसे में खुद को सकारात्मक और सृजनात्मक गतिविधियों में संलिप्त रखें, इससे तनाव दूर होगा। हमारे समाज मे ऐसे बहुत से लोग है जो नशे के आदि हो चुके है। उन्हें सही दिशा में लाने के लिये संयुक्त प्रयास करना होगा "जन जागरण एवं उचित परामर्श से नशे का इलाज संभव है"।

नशा मुक्ति के विषय पर एनसीसी कैडेट्स को संबोधित करते हुए बटालियन के कमान अधिकारी कर्नल एम.एम.कट्टी ने युवाओं को नशे का त्याग कर शारीरिक व मानसिक तौर पर मजबूत रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “यह चिंता का विषय है कि नशा एक भयंकर बीमारी का रूप लेता जा रहा है जो युवा पीढ़ी को लगातार अपनी गिरफ्त में ले रहा है। इससे समाज में कैंसर जैसी कई लाइलाज बीमारी भी तेजी से पैर पसार रही हैं। शराब, सिगरेट, तंबाकू, एवं ड्रग्स जैसे जहरीले पदार्थ के सेवन ने युवाओं को अपराध के रास्ते पर धकेलना शुरू कर दिया। इसलिए हमें अच्छे समाज की रचना के लिए नशे पर अंकुश लगाना होगा। आज हुए इस कार्यक्रम के संदेश को हमे अन्य लोगों तक लेकर जाना है और उन्हें जागरूक करना है।“

कार्यक्रम के दौरान सभी कैडेट्स को तंबाकू का सेवन न करने की शपथ दिलाई गयी। साथ ही कोटपा अधिनियम 2003 के बारे में जानकारी दी गयी। इस अधिनियम की विभिन्न धाराओं में उल्लेख है की 18 वर्ष से कम आयु वर्ग को तंबाकू पदार्थ बेचना , शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में तंबाकू पदार्थ बेचना, सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना अपराध है। तंबाकू पदार्थों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध है। तंबाकू पदार्थों को बेचने वाली दुकान पर लगे बोर्ड चमकदार (बिजली युक्त) नहीं होना चाहिए। टेलीविजन व फिल्मों में तंबाकू के दृश्यों को दिखाना अपराध है। उक्त नियमों को उल्लंघन पर 1 से 5 वर्ष की कैद ₹1,000 से ₹5,000 का जुर्माना लगाया जा सकता है।




अन्य सम्बंधित खबरें