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मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री सिंधुताई सपकाल का 74 साल की आयु में निधन

लोकप्रिय सामाजिक कार्यकर्ता एवं 1400 अनाथ बच्चों की मां पद्मश्री सिंधुताई सपकाल का मंगलवार को यहां दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। उन्होंने 74 वर्ष की आयु में गैलेक्सी अस्पताल में रात के करीब नौ बजे अंतिम सांस ली। पद्मश्री पुरस्कार विजेता सपकाल की शारीरिक स्थिति पिछले कुछ दिनों से ठीक नहीं चल रही थी। वह लोगों के बीच माई के नाम से जानी जाती हैं।

वह शहर के हडपसर क्षेत्र में स्थित 'सन्मति बाल निकेतन' के नाम से एक अनाथालय चलाती थीं।पुणे के पूर्व डिप्टी मेयर दीपक मानकर ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।मानकर ने कहा, 'राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित सुश्री सपकाल महाराष्ट्र के लोगों के लिए आदर्श थीं।'

कुछ पुरानी बातों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उनके सामाजिक कार्यों के प्रति माई की पहचान तब सामने आई जब उन्हें साल 2002 में हरियाणा सरकार से जमुनालाल बजाज पुरस्कार मिला।
राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।

उन्होंने कहा कि 'माई' एक सच्ची सामाजिक कार्यकर्ता थीं, जिन्होंने अनाथालय के बच्चों के लिए अपना पूरा जीवन संघर्ष किया। माई सपकाल का निधन महाराष्ट्र के लिए एक बड़ी क्षति है।





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