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कोरोना संक्रमण और अन्य कारणों से 1,47,492 बच्चों के सर से उठा माता पिता का साया, सर्वाधिक बच्चे उड़ीसा से

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को 1,47,492 ऐसे बच्चों की लिस्ट भेजी है इसमें 1 अप्रैल 2020 से कोरोनावायरस के संक्रमण और अन्य कारण से बच्चे अपने माता या पिता या दोनों पालकों में से किसी एक को खो चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने यह जानकारी स्वतः संज्ञान  से जुड़े मामले में दी. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कहा की यह डाटा राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों के बाल स्वराज पोर्टल कोविड केयर के द्वारा बताया गया है.

आगे बताया गया कि यह डाटा 11 जनवरी तक मिले जानकारियों के आधार पर है. 1,47,492 बच्चों में 76,508 लड़के और 70,980 लड़कियां और 4 ट्रांसजेंडर शामिल हैं. जिनमें 8 से 13 साल के 59,010, 14 से 15 साल के 22,763 4 से 7 साल के 26,080 बच्चे शामिल है.

11 जनवरी तक जो डेटा अपलोड हुआ है, उससे सामने आता है कि देश में अप्रैल 2020 से लेकर अब तक दोनों माता-पिता को खोने वाले बच्चों की संख्या 10 हजार 94 रही, जबकि माता या पिता में किसी एक को गंवाने वालों की संख्या 1 लाख 36 हजार 910 मिली. इसके अलावा छोड़े गए बच्चों की संख्या 488 रही. इन सभी आंकड़ों को जोड़ा जाए तो देश में माता-पिता को गंवाने वाले बच्चों की संख्या 1 लाख 47 हजार 492 पहुंचती है. 

अप्रैल 2020 से कोविड और अन्य कारणों से अपने माता या पिता या माता-पिता दोनों को खोने वाले बच्चों का राज्यवार विवरण देते हुए आयोग ने कहा कि ऐसे बच्चों की अधिकतम संख्या ओडिशा (24,405) से है. इसके बाद महाराष्ट्र (19,623), गुजरात (14,770), तमिलनाडु (11,014), उत्तर प्रदेश (9,247), आंध्र प्रदेश (8,760), मध्य प्रदेश (7,340), पश्चिम बंगाल (6,835) दिल्ली (6,629) और राजस्थान (6,827) का स्थान आता है.

बच्चों के आश्रय के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया है कि, अधिकतम बच्चे (1,25,205) माता या पिता में से किसी एक के साथ हैं, जबकि 11,272 बच्चे परिवार के सदस्यों के साथ और 8,450 बच्चे अभिभावकों के साथ हैं. हलफनामे में कहा गया है कि 1,529 बच्चे बाल गृहों में, 19 खुले आश्रय गृहों में, दो अवलोकन गृहों में, 188 अनाथालयों में, 66 विशेष गोद लेने वाली एजेंसियों में और 39 छात्रावासों में हैं. आयोग ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि वह प्रत्येक राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के एससीपीसीआर के साथ क्षेत्रवार बैठकें कर रहा है और उत्तर-पूर्वी राज्यों के साथ एक आभासी बैठक 19 जनवरी को होने वाली है.




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