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'मोक्षा' मशीन को देखने छत्तीसगढ़ आएगी नीति आयोग की टीम

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल के चार छात्रों ने मोक्षा मशीन बनाई है। नीति आयोग ने इस अविष्कार की न केवल सराहना की है वरन वार्षिक रिपोर्ट के कवर पेज पर इसे जगह भी दी है। स्कूली बच्‍चों के इस प्रोजेक्ट को दिल को छू लेने वाला आविष्कार बताया है। आयोग की टीम जल्द ही इस मशीन को देखने के लिए आएगी।

कलेक्टर बिलासपुर पी दयानंद ने मोक्षा मशीन को शहर के मुक्तिधामों में लगाने का आदेश जारी किया है। साथ ही अतिरिक्त मशीन बनाने के लिए फंड भी जारी कर दिया है। स्कूल के प्रिंसिपल को इसका जिम्मा दिया गया है। यह देश का अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है। इस मशीन के जरिए चिता की राख को परिकृष्त किया जाता है और जल को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है। बिलासपुर के मधुबन श्मशान घाट में इसका सफलतापूर्वक प्रयोग किया जा चुका है।

क्या है मोक्षा

मोक्षा चिता की राख को परिष्कृत कर जैविक खाद में परिवर्तित करता है। इससे चिता की राख नदियों में बहाई नहीं जाती और नदी प्रदूषण से बच जाती है। चिता की राख में सल्फर की मात्रा अत्यधिक होती है। नदी में प्रवाहित करने की स्थिति में सल्फर नदी की तली में जाकर छेद को बंद कर देता है। इससे नदी का रिचार्ज वाटर सिस्टम काम करना बंद कर देता है और नदी में पानी का स्तर धीरे धीरे कम होने लगता है।





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