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1 जुलाई से प्लास्टिक के इन चीजों के उपयोग और निर्माण पर लगेगा प्रतिबन्ध, पकड़े जाने पर होगी सख्त कार्रवाई

भारत में एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लग जाएगा. एक जुलाई से सिंगल यूज्ड प्लास्टिक के उत्पादन से लेकर विक्रय पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा. इसके बावजूद यदि निर्माण और विक्रय हुआ तो इसे कार्रवाई के दायरे में लिया जाएगा. जबलपुर में पांच ऐसे उद्योग हैं, जहां सिंगल यूज्ड प्लास्टिक का निर्माण किया जाता है. इन्हें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निर्माण बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं. यदि जुलाई माह में यहां उत्पादन मिला तो उसे अवैध मानकर पांच हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना वसूला जाएगा.

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी डा.आलोक जैन ने कहा कि कुछ इकाईयों ने सिंगल यूज्ड प्लास्टिक के विकल्प को काम्पोस्टेबल प्लास्टिक के रूप में चुना है. उनके अनुसार ये विशेष तरह का का प्लास्टिक उत्पाद है, जो छह माह में ही नष्ट हो जाता है. इस उत्पादन की लागत तीन गुना महंगी होती है. सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एडं टेक्नोलाजी (सीपेट) से मान्य उत्पाद को ही निर्माण की मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि यदि इकाईयों में एक जुलाई के बाद भी सिंगल यूज्ड प्लास्टिक का निर्माण होता मिला तो पांच हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा.

ये हैं सिंगल यूज प्लास्टिक

प्लास्टिक इयर बड, बैलून के साथ उपयोग होने वाले प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, सजावट में उपयोग होने वाला थर्माकाेल की सामग्री. प्लास्टिक प्लेट, कप, चम्मच, कांटे वाली चम्मच, स्ट्रा ट्रे, कटलरी आइटम, मिठाई के डिब्बे, सिगरेट के डिब्बे की पैकिंग में लगने वाली प्लास्टिक शीट, प्लास्टिक पीबीसी से निर्मित बैनर, स्टीकर जिनकी मोटाई 100 माइक्रोन से कम है, ये सभी का निर्माण बंद होना है.




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