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शहर में कुत्तों का आतंक ढाई साल की मासूम को उठा ले गए, मां ने जैसे-तैसे बचाया, शरीर पर 150 से ज्यादा निशान

कुत्तों का आतंक दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. जिले के बांकीमोंगरा क्षेत्र में एसईसीएल कर्मी अखीलेश साहू की दो साल की मासूम बच्ची को दो कुत्ते उठा ले गए और उसे नोचने लगे. चीखपुकार सुनकर पहुची मां ने कुत्तों के मुंह से अपनी मासूम बच्ची की जान बचाई.

अखलेश साहू ने बताया की उसकी एक ही बच्ची है जिसका नाम वंशिका है और वो ढाई साल की है. उसकी पत्नी सीमा घर पर रोटी बना रही थी और वंशिका घर के बाहर रोज की तरह खेल रही थी. कुछ देर बाद वंशिका की चीखपुकार सुनाई पड़ी. 

तब सीमा किचन से भागते हुए बाहर निकली और देखा कि दो आवारा कुत्ते मासूम वंशिका को नोचते हुए उठा कर ले जा रहे हैं. जिसके बाद सीमा ने पत्थर और डंडे से मारकर दोनों कुत्ते को भगाया. जैसे तैसे सीमा ने अपनी मासूम बच्ची को कुत्तों से बचाया.

इस घटना के बाद वंशिका को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उसका इलाज चल रहा है. वंशिका के सिर, हाथ, पैर और पेट में करीब 150 से भी ज्यादा जगह कुत्तों ने काट लिया है. जिससे उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. मेडिकल कॉलेज ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बच्ची के इलाज के लिए विशेष डॉक्टरों की व्यवस्था कर दी है.

इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है. लोगों का मानना है कि आवारा कुत्तों का आतंक दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. कुत्तों की संख्या बढ़ने लगी है. इस ओर नगर निगम को ध्यान देने की जरूरत है.




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