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LPG सिलेंडर में होने वाले हैं बड़े बदलाव, जानिए क्या?

नई दिल्ली। एलपीजी सिलेंडर जल्द ही क्यूआर कोड के साथ आएंगे, जिससे घरेलू सिलेंडर को रेगुलेट करने में मदद मिलेगी। रेगुलेट का मतलब है कि उपभोक्ता सिलिंडर के बारे में सब कुछ जान सकेंगे, मसलन, इसे कब रिफिल किया गया, इसका वजन कितना है और गैस चोरी हुई है या नहीं। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यह जानकारी दी।


पेट्रोलियम मंत्री ने अपने ट्विटर प्रोफाइल पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “फ्यूलिंग ट्रेसिबिलिटी! एक उल्लेखनीय इनोवेशन – यह क्यूआर कोड मौजूदा सिलेंडरों पर लगाया जाएगा और नए सिलेंडरों पर वेल्ड किया जाएगा. इसके एक्टिव होने पर इसमें गैस सिलेंडर की चोरी, ट्रैकिंग और ट्रेसिंग, और बेहतर इन्वेंट्री मैनेजमेंट के कई मौजूदा मुद्दों को हल करने की क्षमता है.”।

वीडियो में, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी उत्तर प्रदेश में आयोजित हो रहे ‘विश्व एलपीजी सप्ताह 2022’ में अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे थे और इस विचार की व्यवहार्यता के बारे में पूछताछ कर रहे थे। बता दें कि क्यूआर कोड का फुल फॉर्म क्विक रिस्पांस कोड होता है, जिसे मशीन पढ़ सकती है। ये एक प्रकार के ऑप्टिकल लेबल होते हैं जिनमें उस वस्तु के बारे में विवरण होता है जिससे वे जुड़े होते हैं।

कई लोगों ने पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा है कि यह सरकार समस्याओं का समाधान ढूंढ रही है. अक्सर सिलेंडर से गैस चोरी होने की जानकारी नहीं मिल पाती है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि QR कोड स्कैन होते ही उस सिलेंडर से जुड़ी सारी जानकारी उपभोक्ता के सामने होगी।

गैस सिलेंडर उपभोक्ता क्यूआर कोड को स्कैन कर जान सकेंगे कि उस सिलेंडर को कितनी बार रिफिल किया गया या भरा गया। यह जानकारी भी मिल सकेगी कि इसे कहां भरा गया है, इसकी टेस्टिंग हुई है या नहीं। इसके साथ ही सिलेंडर के वजन समेत कुछ अन्य जानकारियां भी मौजूद रहेंगी।






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