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बाल विवाह के विरोध में घर से भागी लड़की, नहीं माने परिजन तो खा लिया जहर

राजस्थान  के भीलवाड़ा  में 17 साल की नाबालिग ने बाल विवाह के दबाव में आकर आत्महत्या का प्रयास किया. उसने डिप्रेशन में आकर जहर खा लिया. नाबालिग शादी करना नहीं चाहती थी. तबीयत बिगड़ने पर उसे भीलवाड़ा जिला अस्पताल में एडमिट कराया गया है. घटना की जानकारी मिलने पर बाल कल्याण समिति सदस्य ने अस्पताल पहुंचकर पूरी घटना की जानकारी ली.

बाल कल्याण समिति के सदस्य के मुताबिक नाबालिग ने चूहे मारने की दवा खाकर सुसाइड का प्रयास किया. उसने हमें बताया, ''मैं बाल विवाह के विरोध में थी, एक बार पहले भी इसकी शिकायत पुलिस में की थी और कोर्ट में भी बयान दिए थे, फिर भी मेरे घर वाले नहीं माने और मुझे मदनलाल अहीर के साथ भेज दिया गया. मेरे साथ मारपीट भी की गई, बाल विवाह से बचने के लिए मैं दो बार घर से भाग भी चुकी हूं.''

नाबालिग का कहना है कि मैं अपनी मर्जी से शादी करना चाहती हूं. लेकिन परिवारवाले इसके लिए राजी नहीं हैं. मुझे मदनलाल अहीर के साथ भेज दिया. इसलिए मैंने डिप्रेशन में आकर चूहे मारने वाली दवा खा ली. शाहपुरा पुलिस को भी यह बात पता है. मैंने पुलिस को बोला था कि मैं परिजनों के साथ तो जा रही हूं पर मेरे साथ कोई जोर जबरदस्ती और मारपीट नहीं होना चाहिए. पुलिस ने मुझे आश्वासन दिया था कि ऐसा कुछ नहीं होगा, मगर, एक महीने तो कुछ भी नहीं हुआ फिर मेरे पर दबाव बनाने लगे, जिससे मैंने घर से भाग कर चूहे मारने की दवा खा ली.

बाल कल्याण समिति के सदस्य फारुख पठान ने कहा कि महात्मा गांधी अस्पताल चिल्ड्रन वार्ड में नाबालिग भर्ती है. हालत बिगड़ने पर हमने मामले का संज्ञान ले लिया है. जब बालिका पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाएगी. तब हम तय करेंगे कि उसे कहां भेजना है. उसके परिजनों के पास भी भेज सकते हैं. यदि नाबालिग परिजनों के पास नहीं जाना चाहेगी तो उसे बालिका गृह अजमेर शिफ्ट किया जा सकता है. बाल विवाह न हो इसके लिए उसके परिजनों को पाबंद करेंगे. फिर भी उसके परिजनों ने दबाव बनाया तो कार्रवाई भी की जाएगी.




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