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नाबालिग को शादी का प्रलोभन देकर दैहिक शोषण करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास

गरियाबंद। न्यायालय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक विशेष न्यायालय (पाक्सो एवं बलात्कार मामले) गरियाबंद पीठासीन न्यायाधीश यशवंत वासनीकर द्वारा आरक्षी केन्द्र देवभोग के अपराध क्रमांक 264 / 2021 पाक्सो प्रकरण क्रमांक 78 / 2021 में आरोपी गणेश यादव, पिता मोहन लाल यादव, उम्र 26 वर्ष को नाबालिग पीड़िता को शादी का प्रलोभन देकर दैहिक शोषण करने के जुर्म में 30 जुलाई मंगलवार को धारा 6 पाक्सो एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5,000/- रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।

अतिरिक्त लोक अभियोजक जनक राम साहू ने जानकारी देते हुए बताया है कि पीड़िता के पिता द्वारा दिनांक 07.09.2021 को थाना देवभोग में रिपोर्ट दर्ज कराया था, कि दिनांक 07.09.2021 को दोपहर करीबन 3 बजे अपनी पत्नी के साथ खेत में काम करने गया था। घर में उनकी पुत्री / पीडिता तथा छोटी लड़की खेलने के लिये गाँव में गई थी। शाम क़रीबन 6 बजे जब प्रार्थी खेत से काम करके वापस घर आया तब उसकी पुत्री / पीडिता घर
में नही थी छोटी लड़की से पूछताछ करने पर बतायी थी कि जब वह घर में खेल कर वापस आयी तब पीड़िता घर में नही थी। उसके बाद पीडिता का आसपास पता तलाश किये लेकिन पीडिता का पता नही चला तत्पश्चात थाना देवभोग में सूचना दिया था। थाना देवभोग द्वारा गुम इसान क्रमांक 34 / 2021 कायम कर विवेचना की कार्यवाही प्रारंभ किया विवेचना के दौरान पुलिस को मुखबीर से सूचना मिली कि दिनांक 12.09.2021 को बस स्टैण्ड देवभोग में एक लडका एवं एक लडकी संदिग्ध हालत में घूम रहे है। आरोपी एवं पीड़िता को पूछताछ करने
पर अपना नाम पता बताने पर पुलिस द्वारा पीड़िता को आरोपी के कब्जे से बरामद कर बरामदगी पंचनामा तैयार कर प्रकरण की सम्पूर्ण विवेचना पश्चात आरोपी के विरूद्ध धारा 363, 366, 376 (2) (ढ) (3) भा.दं संहिता एवं धारा 6 पाक्सो एक्ट तथा धारा 3 (2) (v) अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के तहत न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था।



अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय गरियाबंद न्यायाधीश यशवंत वासनीकर द्वारा आरोपी के विरूद्ध धारा 363, 366, 376 (2) (झ) (ढ) भा. दं. संहिता एवं धारा 6 पाक्सो एक्ट तथा धारा 3 (2) (v) अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के अन्तर्गत आरोप विरचित कर प्रकरण की कार्यवाही प्रारंभ की गई। अभियोजन की ओर से अपने पक्ष समर्थन में कुल 11 साक्षियों का कथन कराया गया है। प्रकरण में साक्षियों के परीक्षण एवं प्रतिपरीक्षण के आधार पर न्यायालय द्वारा आरोपी के विरूद्ध धारा 6 पाक्सो एक्ट, धारा 363, 366, भा.दं.संहिता के तहत अपराध सिद्ध पाये जाने पर धारा 6 पाक्सो एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास 5000/- रुपये
का अर्थदण्ड धारा 363 भा.दं.संहिता में 2 वर्ष का सश्रम कारावास 1,000 रुपये का अर्थदण्ड धारा 366 भा.दं.संहिता में 5 वर्ष का सश्रम कारावास 2,000/- रुपये का अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।

पीड़िता की शारीरिक व मानसिक पीड़ा जीवन एवं मनोदशा पर पड़ने वाले मनोवैज्ञानिक प्रभाव एवं समाज में हुई प्रतिष्ठिा भंग इत्यादि समस्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुये तथा पीडिता की आर्थिक एवं सामाजिक परिस्थितियों पर विचार करते हुए न्यायालय द्वारा प्रतिकर स्वरूप 4,00,000/- (चार लाख रुपये) दिलाये जाने का जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर को आदेशित किया गया है। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से जनक राम साहू, अतिरिक्त लोक अभियोजक जिला गरियाबंद द्वारा पैरवी की गई है।






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