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महासमुंद : 19 गांव में शराबबंदी, बेचने पर लगेगा 50 हजार का जुर्माना, फैसले की हो रही सराहना

महासमुंद जिले के कई गांव में अवैध शराब की बिक्री का कारोबार जारी है, जिसकी ग्रामीण लगातार शिकायत करते हैं। गांव में अवैध शराब बिकने से अशांति का वातावरण बना रहता है, ग्रामीण नशे में जा रही पीढ़ी के लिए भी चिंतित है। जिससे निपटने के लिए अब ग्रामीणों ने स्वयं निर्णय लिया है । इसके लिए महासमुंद जिले के 11 और बलौदाबाजार जिले के 8 गांव में ग्रामीणों ने महापंचायत कर इस पर कार्रवाई के लिए कमेटी गठित की है। जिसमें सरपंच, गांव के मुखिया और अन्य ग्रामीण शामिल हैं।

गांव में शराब बनाने-बेचने पर 51 हजार रुपए जुर्माना वसूला जायेगा। वहीं गांजा बेचने वालों पर भी 20 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा।

ग्रामीणों के द्वारा उठाये गए इस कदम की सराहना की जा रही है। ग्रामीणों के द्वारा उठाये गए इस कदम से प्रशासन का समय बचेगा, गांव में अवैध शराब रोकने ऐसी कार्यवाही यदि पंचायत स्तर पर की जाती है तो निश्चित ही इस समस्या का समाधान मिलेगा। अवैध शराब के चलते जिले में महिलाओं के साथ बच्चों के साथ मारपीट, हत्या जैसे कई घटना सामने आए हैं। जिसमे भी कमी आएगी।

आने वाले समय में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने वाले हैं, कई गांव में अवैध शराब इस समय मुद्दा बना हुआ है। यदि ग्रामीण चाहें तो आने वाले समय में और भी कई गांव में शराबबंदी कर सकते हैं।

सोमवार को बलौदाबाजार के बड़गांव गांव में रखी गई इस बैठक में पिथौरा थाना क्षेत्र के 11 गांव राजडेरा, जमहर, गोढबहाल, अर्जुनी, छिबर्रा, कोचर्रा, भिथिडीही, मुढ़िपाहर, कोको भायहटा और खुसरुपाली तथा बलौदाबाजार के बया चौकी क्षेत्र के 8 गांव बढ़गांव, चरोदा, देवगांव, अकलतरा, आमगांव, ढेबी, ढेबा, लोरीदखार और गबोद के ग्रामीण इसमें शामिल हुए।

वहीं इस बैठक में शामिल गोंडवहाल के सरपंच सदाराम पटेल, अर्जुनी के प्रदीप पटेल और जमहार के सीताराम चौधरी का कहना है कि, ग्रामीण इलाकों में महुआ शराब बनाने और बेचने का काम धड़ल्ले से चल रहा है। आबकारी और पुलिस प्रशासन से शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती है। उल्टा शराब बेचने वाले ग्रामीणों को ही धमकी देते हैं।




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