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सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के चलते गोल्ड लोन में जबरदस्त इजाफा

मुंबई। सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के चलते बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा दिए जाने वाले गोल्ड लोन में जबरदस्त इजाफा हुआ है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2024 के अंत तक गोल्ड लोन का बकाया 68.3% बढ़कर 1.72 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया, जो मार्च 2024 में 1.02 लाख करोड़ रुपये था।

एसबीआई में 41.66% वृद्धि

भारत के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने दिसंबर 2024 तक अपने गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में 41.66% की सालाना वृद्धि दर्ज की, जो 43,745 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

लोन-टू-वैल्यू अनुपात

आरबीआई के निर्देशों के अनुसार, बैंक और एनबीएफसी अधिकतम 75% लोन-टू-वैल्यू (एलटीवी) अनुपात पर गोल्ड लोन दे सकते हैं। पिछले एक साल में सोने की कीमतों में 25% से अधिक की वृद्धि के चलते सोना अधिक मूल्यवान संपत्ति बन गया है। गुरुवार को मुंबई बुलियन मार्केट में 999 प्योरिटी का सोना 84,610 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया।

आसान प्रक्रिया से बढ़ी मांग

गोल्ड लोन की आसान उपलब्धता, कम दस्तावेजी औपचारिकताएं और त्वरित प्रोसेसिंग के चलते यह ऋण विकल्प लोकप्रिय हुआ है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और फिनटेक ऐप्स के जरिए दूरदराज के इलाकों में भी इनकी पहुंच बढ़ी है।

एनपीए में भी बढ़ोतरी

हालांकि, गोल्ड लोन से जुड़े बुरे ऋण (एनपीए) भी तेजी से बढ़े हैं। जून 2024 तक बैंकों और एनबीएफसी के गोल्ड लोन एनपीए 30% बढ़कर 6,696 करोड़ रुपये हो गए, जो मार्च 2024 में 5,149 करोड़ रुपये थे।

आरबीआई की सख्ती

आरबीआई ने गोल्ड लोन क्षेत्र में अनियमितताओं पर चिंता जताते हुए बैंकों और वित्तीय संस्थानों को नीतियों की समीक्षा के निर्देश दिए हैं। इसमें एलटीवी अनुपात की निगरानी, जोखिम आकलन और नीलामी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी जैसे मुद्दों को चिह्नित किया गया है।





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