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महाकुंभ में नहाने वाली महिलाओं की बिक रही तस्वीरें और वीडियो
डेस्क। महाकुंभ, जो आस्था और धार्मिक परंपराओं का सबसे बड़ा संगम माना जाता है, अब एक गंभीर डिजिटल अपराध का केंद्र बन गया है। ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, महाकुंभ में स्नान करने वाली महिलाओं और लड़कियों की तस्वीरें और वीडियो चोरी-छिपे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बेचे जा रहे हैं। विशेष रूप से, Telegram और Facebook पर इन तस्वीरों और वीडियो की नीलामी हो रही है, जहां कुछ चैनलों पर एक्सेस के लिए 1999 से 3000 रुपये तक वसूले जा रहे हैं।
कैसे हो रहा है यह कृत्य?
कुछ साइबर अपराधी महाकुंभ में स्नान करने आईं महिलाओं की तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड कर रहे हैं। ये लोग भीड़ का फायदा उठाकर मोबाइल कैमरों या छिपे हुए कैमरों से इनकी रिकॉर्डिंग कर लेते हैं। इसके बाद, ये कंटेंट गुप्त रूप से Telegram और Facebook जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर डाला जाता है, जहां इसे देखने के लिए लोगों से मोटी रकम वसूली जाती है।
सोशल मीडिया पर हो रही है खुली बिक्री
Telegram पर कई ऐसे चैनल सक्रिय हैं, जहां इन तस्वीरों और वीडियो को देखने के लिए पैसे मांगे जाते हैं। साइबर अपराधियों द्वारा महिलाओं की निजता का घोर उल्लंघन करते हुए इस तरह के कंटेंट की बिक्री की जा रही है, जिससे उनकी सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
कानूनी कार्रवाई और साइबर सुरक्षा की जरूरत
यह मामला न केवल साइबर अपराध की श्रेणी में आता है, बल्कि यह महिलाओं की निजता और गरिमा के खिलाफ एक बड़ा हमला भी है। सरकार और साइबर सुरक्षा एजेंसियों को इस पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे कृत्य करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह के अपराध करने की हिम्मत न जुटा सके।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए सावधानी बरतने की सलाह
1. सार्वजनिक स्थानों पर सतर्क रहें और संदिग्ध गतिविधियों पर ध्यान दें।
2. सोशल मीडिया पर अनजान लिंक और संदिग्ध चैनलों से दूर रहें।
3. अगर कोई व्यक्ति संदेहास्पद गतिविधि करता दिखे तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें।
4. साइबर अपराध की जानकारी तुरंत स्थानीय पुलिस और साइबर सेल को दें।
महाकुंभ एक पवित्र आयोजन है, जहां हर कोई अपनी आस्था के साथ आता है। इस तरह के अपराध न केवल हमारी संस्कृति को ठेस पहुंचाते हैं, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा पर भी गहरा आघात करते हैं। सरकार और प्रशासन को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि दोषियों को कठोरतम सजा मिले और ऐसी घटनाएं भविष्य में न दोहराई जाएं।