news-details

छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला, प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने का लगेगा अब शुल्क

छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर बड़ा और अहम फैसला लिया है। अब छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग , व्यापम और विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षाओं के लिए अभ्यर्थियों को पहले परीक्षा शुल्क देना होगा। लेकिन राहत की बात ये है कि जो परीक्षार्थी वास्तव में परीक्षा या साक्षात्कार में शामिल होंगे, उन्हें उनकी दी गई फीस वापस कर दी जाएगी।

सीरियस कैंडिडेट्स को मिलेगा फायदा
इस फैसले के पीछे सरकार की मंशा साफ है – परीक्षा में सिर्फ वही अभ्यर्थी शामिल हों जो सच में तैयारी कर रहे हैं और सीरियस हैं। बीते वर्षों में जब पिछली भूपेश बघेल सरकार ने परीक्षा शुल्क पूरी तरह माफ कर दिया था, तब फॉर्म भरने वालों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी देखी गई। कई बार ऐसे लोग भी आवेदन कर देते थे, जो या तो योग्यता नहीं रखते थे या फिर सिर्फ मस्ती में फार्म भरते थे।

लेकिन जब परीक्षा देने की बारी आती थी, तब उपस्थिति महज़ 40 से 50 प्रतिशत ही रहती थी। इससे न केवल परीक्षा आयोजन में खर्च ज्यादा होता था, बल्कि प्रशासन को मैनपावर की भी समस्या झेलनी पड़ती थी।

क्या बदलेगा अब?
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया कि अब सभी आवेदकों को परीक्षा शुल्क देना होगा। लेकिन यह पैसा स्थानीय अभ्यर्थियों को परीक्षा या इंटरव्यू में शामिल होने की स्थिति में रिफंड कर दिया जाएगा।

सरकार का मानना है कि इससे न केवल परीक्षा की प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी और प्रभावी होगी, बल्कि नॉन-सीरियस और इनएलिजिबल कैंडिडेट्स खुद ही पीछे हटेंगे। वहीं जो छात्र सही मायनों में तैयारी कर रहे हैं, उन्हें परीक्षा की भीड़ देखकर मानसिक दबाव नहीं झेलना पड़ेगा।

कैसे मिलेगा पैसा वापस?
सरकार ने स्पष्ट किया है कि जैसे ही कोई अभ्यर्थी परीक्षा या साक्षात्कार में उपस्थित होगा, परीक्षा शुल्क की पूरी राशि उसके खाते में वापस ट्रांसफर कर दी जाएगी। इसके लिए डिजिटल सिस्टम तैयार किया जाएगा, जिससे रिफंड की प्रक्रिया तेज और पारदर्शी हो।

छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम निश्चित रूप से सीरियस और योग्य कैंडिडेट्स के हक में है। इससे फॉर्म की अनावश्यक भीड़ कम होगी और परीक्षा एजेंसियों को भी आर्थिक और प्रशासनिक रूप से राहत मिलेगी। अब देखना होगा कि इस फैसले के लागू होने के बाद परीक्षा में उपस्थिति का प्रतिशत कितना बढ़ता है।

अगर आप भी छत्तीसगढ़ की किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो इस नए नियम को ध्यान में रखें – फीस तो लगेगी, लेकिन परीक्षा में बैठने पर वापस भी मिलेगी।


अन्य सम्बंधित खबरें