
महासमुंद : मानकी की मेहनत और बिहान योजना का सहयोग, सेंट्रिंग प्लेट व्यवसाय से आत्मनिर्भरता की ओर
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में संचालित छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन - “बिहान“ ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को स्व-सहायता समूहों के माध्यम से संगठित कर उन्हें स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
इसी योजना के तहत ग्राम पंचायत मोंगरा, विकासखंड महासमुन्द की रहने वाली श्रीमती मानकी साहू इसका एक प्रेरणादायक उदाहरण हैं। अत्यंत ही कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन कर रही साहू के पास आय का कोई स्थायी साधन नहीं था। परिवार की जिम्मेदारियों के बीच वे जीवन यापन के लिए संघर्ष कर रही थीं।
“बिहान” योजना के माध्यम से वो जय मां गायत्री महिला स्व-सहायता समूह से जुड़ी, जहां उन्होंने समूह की गतिविधियों में भाग लेना शुरू किया। यह जुड़ाव उनके लिए न केवल आर्थिक रूप से, बल्कि मानसिक और सामाजिक रूप से भी सशक्तिकरण का माध्यम बना। समूह के माध्यम से उन्होंने वित्तीय साक्षरता, बचत, ऋण सुविधा और स्वरोजगार की विभिन्न तकनीकों की जानकारी प्राप्त की। इस प्रकार “बिहान” योजना ने न केवल उनकी आजीविका को स्थिरता प्रदान की, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी प्रेरित किया।
समूह की बैठक में सभी सदस्यों ने उनके हालात को समझते हुए उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया। समूह से उन्हें आरएफ से 15 हजार रुपए सीआईएफ से 60 हजार और बैंक ऋण के रूप में 03 लाख रुपए दिए गए। इस आर्थिक सहायता का उपयोग करते हुए मानकी ने सेंट्रिंग प्लेट (लकड़ी) खरीदकर निर्माण कार्य में किराये पर देना प्रारंभ किया। वह 12 से 14 रुपये प्रति फीट के हिसाब से यह प्लेट किराये पर देती हैं, जो शासकीय निर्माण कार्यों एवं स्थानीय बाजारों में उपयोग होती है। इन प्रयासों से उन्हें आवश्यकता से अधिक मासिक आय हो जाती है। जिससे बचत करते हुए वे नियमानुसार समूह को ऋण की राशि भी समय पर वापस की।
आज मानकी न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर चुकी हैं, बल्कि उन्होंने अपने परिवार की जरूरतों को भी बखूबी पूरा करना शुरू कर दिया है। आज साहू न केवल स्वयं सफल हैं, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गई हैं। वे यह संदेश देती हैं कि “बिहान योजना से जुड़कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकती हैं और अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती हैं। “मानकी कहती है कि बिहान मेरी पहचान“ बन चुका है, इस योजना के माध्यम से उन्हें न केवल आर्थिक सहयोग मिला, बल्कि आत्मविश्वास, साहस एवं सामाजिक सम्मान भी प्राप्त हुआ।