
किसान सिर्फ 4% वार्षिक ब्याज पर कार्यशील पूंजी प्राप्त कर सकेंगे
देशभर के किसानों को समर्थन देने के उद्देश्य से, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्तवर्ष 2025–26 के लिए संशोधित ब्याज अनुदान योजना (MISS) को जारी रखने की मंजूरी दी है। इस योजना के अंतर्गत, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से ₹3 लाख तक के अल्पकालिक फसल ऋणों पर बैंकों को 1.5% वार्षिक ब्याज अनुदान मिलता रहेगा।
इस निर्णय से यह सुनिश्चित होता है कि समय पर पुनर्भुगतान करने वाले किसानों को 3% शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन (PRI) सहित सिर्फ 4% की प्रभावी ब्याज दर पर कृषि ऋण प्राप्त होता रहेगा।
किसानों के लिए क्या लाभ होंगे:
सस्ता ऋण: किसान सिर्फ 4% वार्षिक ब्याज पर कार्यशील पूंजी प्राप्त कर सकेंगे — जो वैश्विक स्तर पर सबसे कम दरों में से एक है।
लचीला ऋण: केसीसी के माध्यम से 5 वर्षों तक रिवॉल्विंग क्रेडिट की सुविधा उपलब्ध है।
आपदा में राहत: प्राकृतिक आपदा की स्थिति में एक वर्ष तक ब्याज राहत और गंभीर आपदाओं में 5 वर्षों तक राहत मिलती है।
छोटे और सीमांत किसानों को लाभ: अब 76% कृषि ऋण खाते छोटे किसानों के पास हैं — यह योजना भारतीय कृषि की रीढ़ को सशक्त बनाती है।
बिना जमानत ऋण: ₹2 लाख तक के ऋण के लिए कोई जमानत आवश्यक नहीं।
उत्पादकता में वृद्धि: सरल ऋण उपलब्धता से बेहतर बीज, उर्वरक और उपकरणों का उपयोग संभव, जिससे उपज और आय में वृद्धि होती है।
क्रेडिट वृद्धि दर्शाती है योजना की सफलता:
KCC के माध्यम से ऋण वितरण ₹4.26 लाख करोड़ (2014) से बढ़कर ₹9.81 लाख करोड़ (2024) हो गया।
कुल कृषि ऋण प्रवाह ₹7.3 लाख करोड़ से बढ़कर ₹25.49 लाख करोड़ हुआ है।
संस्थागत ऋण का हिस्सा 75% से अधिक हो गया है, जिससे किसानों की साहूकारों पर निर्भरता घटी है।
कृषि क्षेत्र के एनपीए 2019 में 8.9% से घटकर 2023 में 7.2% हो गए हैं, जबकि KCC के एनपीए 2021–22 में 12.66% से घटकर 2023–24 में 11.5% हो गए हैं — यह बेहतर ऋण प्रदर्शन और वसूली को दर्शाता है।
पारदर्शिता के लिए डिजिटल सुधार – किसान ऋण पोर्टल (KRP):
सरकार ने किसान ऋण पोर्टल (Kisan Rin Portal - KRP) शुरू किया है, जो ब्याज अनुदान दावों की डिजिटल ट्रैकिंग को सक्षम बनाता है। इससे वितरण तेज, पारदर्शी और उत्तरदायी बनता है, जिससे किसान और बैंक दोनों लाभान्वित होते हैं।
आगे की दिशा:
सरकार KCC की सीमा ₹5 लाख तक बढ़ाने के अपने बजट 2025 के वादे पर प्रतिबद्ध है।यह प्रस्ताव सक्रिय विचाराधीन है। आज का मंत्रिमंडल निर्णय मौजूदा प्रावधानों के तहत किसानों को सतत सहायता सुनिश्चित करता है।