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महासमुंद : युक्तियुक्तकरण से न तो स्कूल बंद होंगे और न ही पद समाप्त होंगे, जिला पंचायत सभाकक्ष में होगी 703 अतिशेष शिक्षकों की काउंसिलिंग

महासमुंद जिले में शासन के निर्देशानुसार विद्यालयो का युक्तियुकरण के तहत समायोजन किया जाना है। युक्तियुक्तकृत एवं अन्य विद्यालयों में दर्ज संख्या के अनुपात में बसना विकासखण्ड में कुल अतिशेष शिक्षक 126, सरायपाली में 152, पिथौरा 139, महासमुंद में 211, बागबाहरा में 75 इस तरह कुल 703 शिक्षकों का नियमानुसार कांउसलिंग के माध्यम से रिक्त पदों पर समायोजन किया जायेगा। जिसमें प्राथमिक शाला अंतर्गत प्रधान पाठक के कुल 12 एवं सहायक शिक्षक के 433 अतिशेष पद हैं। इसी तरह उच्च प्राथमिक शाला अंतर्गत शिक्षकों के कुल 146, हाई स्कूल हायर सेकेण्ड्री अंतर्गत व्याख्याताओं के 101, व्यायाम शिक्षक के एक एवं सहायक शिक्षक विज्ञान के 10 अतिशेष पद है। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जिला पंचायत के सभाकक्ष में हाईस्कूल / हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के अतिशेष प्राचार्य/व्याख्याता/प्रधान पाठक पूर्व माध्यमिक/शिक्षक/सहायक शिक्षक विज्ञान/व्यायाम शिक्षक का काउंसलिंग 01 जून को प्रातः 10 बजे से एवं प्रधान पाठक प्राथमिक शाल/सहायक शिक्षकों का 02 जून को जिला पंचायत सभाकक्ष में उपलब्ध रिक्त पद पर कांउसलिंग किया जायेगा। उक्त काउंसलिंग में अनिवार्य रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। काउंसलिंग दिनांक को अनुपस्थित पाए जाने पर पृथक से अवसर प्रदान नहीं किया जाएगा एवं रिक्त पद पद जिला स्तरीय समिति द्वारा पदस्थापना की जाएगी जा मान्य होगा।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में विद्यालयों के युक्तियुक्तकरण को लेकर कुछ शैक्षिक संगठनों प्रश्नों और भ्रांतियां का शिक्षा विभाग ने ठोस तथ्यों के साथ अपनी स्थिति स्पष्ट की है। विभाग ने बताया है कि न तो किसी स्कूल को बंद किया जा रहा है, न ही शिक्षकों के पद समाप्त किए जा रहे हैं। युक्तियुक्तकरण की यह प्रक्रिया पूरी तरह शिक्षा के अधिकार अधिनियम और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दिशानिर्देशों के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य स्कूलों में शिक्षकों की न्यायसंगत ढंग से उपलब्धता सुनिश्चित करना है। शिक्षा विभाग ने कहा है कि कुछ संगठनों द्वारा राज्य में युक्तियुक्तकरण से 4000 विद्यालय बंद होने की बात पूरी तरह से बेबुनियाद है। विभाग ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार क्लस्टर विद्यालयों की अवधारणा के तहत केवल एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और हायर सेकेंडरी स्कूलों का प्रशासनिक समायोजन किया जा रहा है। इससे कोई विद्यालय बंद नहीं होगा, और न ही किसी प्रधान पाठक का पद समाप्त किया जाएगा। इसका उद्देश्य केवल संसाधनों और प्रशासनिक संरचना को बेहतर बनाना है।

दर्ज संख्या के अनुपात में जो अतिशेष पाए गए हैं। ये शिक्षक केवल अन्य विद्यालयों में स्थानांतरित किए जाएंगे। किसी भी पद को समाप्त नहीं किया जा रहा है, बल्कि सभी स्वीकृत पद भविष्य में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने की स्थिति में जीवित रखे जाएंगे।

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि युक्तियुक्तकरण केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि इसका मूल उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना, जरूरत वाली शालाओं में शिक्षक उपलब्ध कराना और शिक्षा प्रणाली को अधिक न्यायसंगत बनाना है। शिक्षा विभाग की यह पहल राज्य में शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और छात्रों को समुचित शैक्षणिक संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में एक ठोस और दूरदर्शी कदम है।


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