
विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर महासमुंद जिले में जागरूकता कार्यशालाएं, चित्रकला प्रतियोगिता एवं सघन चालानी कार्यवाही का आयोजन
विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2025 के अवसर पर महासमुंद जिले में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत विविध जागरूकता गतिविधियों एवं सघन प्रवर्तन कार्यवाहियों का आयोजन किया गया। इस वर्ष की थीम "अपील का पर्दाफाश: तंबाकू और निकोटीन उत्पादों पर उद्योग की रणनीति का खुलासा" रही, जिसके तहत जनजागरूकता और कानून पालन सुनिश्चित करने की दिशा में सार्थक प्रयास किए गए।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी. कुदेशिया के नेतृत्व, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्रीमती नीलू घृतलहरे के मार्गदर्शन तथा जिला नोडल अधिकारी (एनटीपीसी) डॉ. छत्रपाल चंद्राकर के सहयोग से श्याम बालाजी कॉलेज एवं शासकीय जीएनएम कॉलेज में तंबाकू निषेध पर केंद्रित जागरूकता कार्यशालाएं एवं चित्रकला प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।
कार्यशालाओं के दौरान विद्यार्थियों को कोटपा एक्ट 2003 की प्रमुख धाराओं, तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थानों के मानकों और तंबाकू एवं निकोटीन सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही, नशा मुक्ति केंद्रों की सेवाओं के बारे में भी जागरूक किया गया। प्रत्येक संस्था से दो-दो विद्यार्थियों को एंटी टोबैको वॉलंटियर के रूप में नामांकित किया गया तथा आईईसी सामग्री का वितरण भी किया गया।
चित्रकला प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने तंबाकू विरोधी संदेशों को रचनात्मक ढंग से प्रस्तुत किया। उत्कृष्ट चित्र प्रस्तुत करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित कर प्रोत्साहित किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी विद्यार्थियों एवं स्टाफ ने नशा उन्मूलन की शपथ ली।
इसी कड़ी में 30 मई को जिले के विकासखण्ड सरायपाली एवं बागबाहरा में कोटपा एक्ट 2003 के तहत सघन चालानी कार्यवाही भी की गई। खाद्य एवं औषधि प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों पर धारा 04, 06(अ) एवं 06(ब) के उल्लंघन पर कुल 25 चालान जारी किए। इन धाराओं के अंतर्गत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान, नाबालिगों को तंबाकू बेचना तथा शैक्षणिक संस्थानों के पास तंबाकू बिक्री को पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने आम नागरिकों से तंबाकू का उपयोग न करने एवं अधिनियमों का पालन करने की अपील की है ताकि एक स्वस्थ, नशामुक्त एवं जागरूक समाज की स्थापना की जा सके।
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