तूफान से प्रभावित लोगों को शरण देने के लिए ओडिशा में 900 राहत शिविर
कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा ने भीषण चक्रवाती तूफान फोनी के तीन मई को ओडिशा तट से टकराने के मद्देनर राज्यों और केन्द्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों की ओर से की गई तैयारियों की आज समीक्षा की ।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने जानकारी दी है कि फोनी 180 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार के साथ 3 मई की दोपहर को पुरी के दक्षिणी हिस्से में ओडिशा तट से टकरा सकता है। इस दौरान राज्य के तटवर्ती जिलों में भारी बारिश होगी।
गंजम, गजपति, खुर्दा, पुरी और जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, जाजपुर और बालासोर सहित ओडिशा के कई तटवर्ती जिलों के तूफान से प्रभावित होने की आशंका है। पश्चिम बंगाल में, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण और उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली, झारग्राम और कोलकाता तथा आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापत्तनम जिलों में भी तूफान का व्यापक असर पड़ने की आशंका है।
मौसम विभाग ने तूफान के ओडिशा तट से टकराने के दौरान समुद्र में डेढ़ मीटर ऊंची लहरें उठने की चेतावनी जारी करते हुए कहा कि इससे राज्य के गंजम, खुर्दा, पुरी और जगतसिंहपुर जैसे तटवर्ती जिलों के निचले इलाके डूब सकते हैं।
तूफान के मद्देनजर राज्य और केन्द्रीय एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए श्री सिन्हा ने तूफान की जद में आने वाले इलाकों को लोगों से पूरी तरह खाली कराने तथा किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद्य पदार्थों, पीने का पानी और दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
संबंधित राज्यों के अधिकारियों ने एनसीएमसी को तूफान से निपटने की अपनी तैयारियों की जानकारी दी।
ओडिशा सरकार ने बताया कि तूफान से प्रभावित लोगों को शरण देने के लिए राज्य में 900 राहत शिविर बनाए गए हैं। सरकार ने आपात स्थिति में खाद्य पदार्थों के वितरण के लिए केन्द्र से 2 हेलीकॉप्टरों की मांग की। कैबिनेट सचिव ने राज्य सरकार की इस मांग को पूरा करने के लिए रक्षा मंत्रालय को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने एक बार फिर सभी संबंधित अधिकारियों और एजेंसियों को सलाह दी कि वे बिजली आपूर्ति और संचार जैसी जरूरी सेवाओं को तूफान से होने वाले नुकसान को तुरंत ठीक करने के लिए सभी उपाय सुनिश्चित करें।
रेलवे नागरिक उड्डयन और नौवहन मंत्रालयों को सलाह दी गई कि वे समय पर अपनी तैयारियों की अच्छी तरह से समीक्षा करें और किसी भी व्यवधान की स्थिति में अपनी सेवाओं की त्वरित बहाली सुनिश्चित करें।भारतीय तटरक्षक भारतीय तटरक्षक बल ने राहत और बचाव कार्य के लिए अपने जहाजों और हेलीकॉप्टरों को तैनात किया है। तीनों राज्यों में सेना और वायु सेना की इकाइयों को भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा गया है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने आंध्र प्रदेश में 12 ओडिशा में 28 और पश्चिम बंगाल में अपनी 6 टीमें तैनात की हैं। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए इसके अतिरिक्त 32 टीमों को भी तैयार रखा गया है। ये टीमें नावों, पेड़ काटने वाले उपकरणों और दूरसंचार उपकरणों आदि से लैस है।
राज्यों को यह सलाह दी गई है कि वह यह सुनिश्चित करें कि मछुआरे समुद्र में न जाएं। मौसम विभाग सभी संबंधित राज्यों को नवीनतम पूर्वानुमानों के साथ हर तीन घंटे पर बुलेटिन भी जारी कर रहा है। वह इसके साथ ही राज्य सरकारों और संबंधित केंद्रीय एजेंसियों के संपर्क में भी है।
समीक्षा बैठक में आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिवों / प्रधान सचिवों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाग लिया। गृह मंत्रालय, जहाजरानी, नागरिक उड्डयन, रेलवे, मत्स्य पालन, विद्युत, दूरसंचार,रक्षा, पेयजल और स्वच्छता, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य, आईएमडी, एनडीएमए और एनडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए।
एनसीएमसी तूफान से उत्पन्न होने वाली ताजा स्थिति पर कल दोबारा समीक्षा बैठक करेगा।