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महासमुंद : युक्तियुक्तकरण नीति से शिक्षा को मिली नई बेहतर व्यवस्था, शिक्षक विहीन स्कूलों को मिले स्थायी शिक्षक

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप प्रदेश के हर स्कूल में पर्याप्त शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में शिक्षा विभाग द्वारा युक्तियुक्तकरण नीति को सफलतापूर्वक लागू किया गया है। शासन के निर्देशानुसार शिक्षकों का समायोजन (काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से) करके उन्हें उन स्कूलों में भेजा गया जहां उनकी सबसे अधिक आवश्यकता थी। महासमुंद जिले में इस नीति के प्रभावी क्रियान्वयन से वर्षों से शिक्षकों की कमी से जूझ रहे कई स्कूलों में अब स्थायी शिक्षकों की पदस्थापना की गई है। इससे न केवल छात्र-छात्राओं को उचित मार्गदर्शन और विषय विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा, बल्कि अभिभावकों में भी संतोष और विश्वास की भावना उत्पन्न हुई है।

शासन के निर्देशानुसार जिले में विद्यालयों का युक्तियुक्तकरण करते हुए अतिशेष शिक्षकों का समायोजन उन स्कूलों में किया गया, जहां विषयवार शिक्षकों की अत्यंत आवश्यकता थी। इस काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से बसना विकासखंड में 126, सरायपाली में 152, पिथौरा में 139, महासमुंद में 211 और बागबाहरा में 75, इस प्रकार कुल 703 शिक्षकों का नियमानुसार समायोजन किया गया। छोटेटेमरी, गढ़गांव, धुमाभांठा और गिधापाली जैसे विद्यालय, जहां वर्षों से स्थायी शिक्षक नहीं थे और पढ़ाई की व्यवस्था स्थानीय समन्वय या वैकल्पिक व्यवस्था से संचालित हो रही थी, अब वहाँ नियमित शिक्षकों की पदस्थापना से शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिली है। कई ऐसे विद्यालय, जो बीते 25 वर्षों से केवल एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहे थे, अब बहुशिक्षकीय विद्यालय बन चुके हैं।

शिक्षकों की पदस्थापना पर विद्यालयों में हर्षोल्लास का वातावरण देखने को मिला। विद्यार्थियों ने जहां खुशी जाहिर की, वहीं ग्राम पंचायत, सरपंचों और जनप्रतिनिधियों द्वारा नवपदस्थ शिक्षकों का पुष्पगुच्छों से स्वागत किया गया। इस सकारात्मक पहल से न केवल स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता में व्यापक सुधार होगा, बल्कि विद्यार्थियों को विषय विशेषज्ञ शिक्षकों से मार्गदर्शन मिलने से उनका भविष्य अधिक सुदृढ़ और उज्ज्वल बनेगा।


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