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महासमुंद : महिलाओं ने धूमधाम से मनाया छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्योहार तीजा

फुगड़ी, कुर्सी दौड़, बिंदी लगाओ प्रतियोगिता में महिलाओं ने दिखाए अपनी जौहर

रजत जयंती वर्ष के अवसर पर महासमुंद संजय नगर सेक्टर 02 के दलदली रोड स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र क्रमांक 01 में सोमवार को छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्योहार तीजा धूमधाम से मनाया गया। इस आयोजन में शामिल होने बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंचीं। परियोजना अधिकारी और पर्यवेक्षकों ने माताओं-बहनों का आत्मीय स्वागत किया और उन्हें उपहार स्वरूप साड़ी, श्रृंगार सामग्री और छत्तीसगढ़ी कलेवा भेंट किया। इस अवसर पर बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं अभियान के तहत साइबर सुरक्षा के संबंध में भी नीति फाउंडेशन के द्वारा जागरूक किया गया।

इस मौके पर सभी ने माताओं-बहनों को तीजा पर्व की शुभकामनाएं दीं। महिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि नगर पालिका उपाध्यक्ष श्री देवीचंद राठी ने कहा कि तीजा छत्तीसगढ़ में नारी शक्ति के मान, सम्मान और दृढ़ निश्चय का महत्वपूर्ण पर्व है। निर्जला व्रत रखकर अपने पति-परिवार की सुरक्षा और समृद्धि की कामना करने वाली सभी माताओं-बहनों को उन्होंने सरकार की ओर से शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा जिले में महिलाओं को रोजगार दिलाने और उनके कामकाज के लिए स्थान उपलब्ध कराने 9 महतारी सदन की सौगात दी गई है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि तीजा के आते ही माताओं-बहनों के मन में प्रसन्नता छा जाती है। भाई के तीजा लिवाने आने की प्रतीक्षा रहती है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार छत्तीसगढ़ महतारी के मान, सम्मान व गौरव को बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। महतारी वंदन योजना के अंतर्गत प्रदेश की 70 लाख से अधिक माताओं-बहनों को प्रतिमाह एक हजार रुपए की राशि मिल रही है। इस अवसर पर पार्षद पीयूष साहू, सीता डोंडेकर, चंद्रशेखर बेलदार एवं जितेन्द्र ध्रुव, परियोजना अधिकारी शैल नाविक, सुपरवाइजर शीला प्रधान, कुंती यादव सहित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं एवं समुदाय की महिलाएं बड़ी संख्या में मौजूद थे।

यहां लगाए गए स्टॉल में छत्तीसगढ़ी कलेवा का अवलोकन किया गया। साथ ही फुगड़ी, कुर्सी दौड़, बिंदी लगाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तथा विजेताओं को पुरस्कार प्रदाय कर सम्मानित किया गया। महिला सम्मेलन व तीजा-पोरा तिहार की शुरुआत नंदी की पूजा-अर्चना से हुई। इसके बाद मंचीय कार्यक्रमों में महिलाओं से की सहभागिता ने पूरे माहौल को उत्सवमय बना दिया। मौजूद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं महिला दीदीयों ने भी तीजा-पोरा पर्व की बधाई दी और कहा कि यह पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है, बल्कि महिलाओं के लिए खुशी, एकजुटता और आत्मीयता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि तीजा धार्मिक, सामाजिक और प्राकृतिक सामंजस्य का पर्व है।


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