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सरायपाली : देवता परिवार ने पूरे हर्षोल्लास और परंपरा के साथ मनाया नुआखाई पर्व

हर साल की तरह इस वर्ष भी देवता परिवार ने पूरे उत्साह और धार्मिक परंपराओं के साथ नुआखाई पर्व का भव्य आयोजन किया। इस मौके पर परिवार के करीब 50 सदस्य एकत्रित हुए और सामूहिक रूप से पर्व की खुशियाँ साझा कीं।

नुआखाई, जो कि नए धान (नए अन्न) के आगमन का प्रतीक है, छत्तीसगढ़ और पश्चिमी ओडिशा क्षेत्र का एक प्रमुख पर्व है। इस दिन लोग नए अन्न को देवी-देवताओं को अर्पित करते हैं और फिर पूरे परिवार के साथ मिलकर भोज का आनंद उठाते हैं।

देवता परिवार ने भी इस परंपरा को निभाते हुए ग्राम गौर्टेक में सामूहिक पूजा, भजन और आरती का आयोजन किया। इसके बाद सभी ने देवी-देवताओं को नए अन्न का भोग लगाया। विशेष बात यह रही कि चार पीढ़ियाँ एक साथ बैठकर भोजन करती दिखीं। भोजन से पहले छोटे सदस्य अपने बड़ों को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लेते हैं और फिर विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर एक साथ मिलकर खाते हैं।

परिवार के वरिष्ठ सदस्यों ने बताया कि यह पर्व केवल भोजन का नहीं बल्कि परिवार और समाज में एकता, प्रेम और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।

नुआखाई के अवसर पर पूरे दिन घर में भक्ति और उत्सव का माहौल रहा। सभी सदस्य पारंपरिक परिधानों में सजधज कर शामिल हुए और पर्व की गरिमा को और भी भव्य बनाया।

परिवार ने कहा—“हर साल हम सब एक साथ मिलकर नुआखाई मनाते हैं, यही हमारी ताकत और परंपरा है। आने वाली पीढ़ियाँ भी इस परंपरा को निभाती रहें, यही हमारी कामना है।”


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