
बसना : शासकीय कर्मचारियों की लापरवाही से आम जनता परेशान, ड्यूटी छोड़ निजी व्यवसाय में लिप्त !
सत्यप्रकाश अग्रवाल, भंवरपुर। भंवरपुर क्षेत्र में विभिन्न विभागों में कार्यरत शासकीय कर्मचारी इन दिनों अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ते नजर आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार, कई कर्मचारी सरकारी कार्यालयों की ड्यूटी के समय में भी निजी व्यवसाय में लिप्त पाए गए हैं। इससे न केवल सरकारी कार्यों में बाधा आ रही है, बल्कि आम जनता को भी जरूरी सेवाओं के लिए भटकना पड़ रहा है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कृषि, शिक्षा और राजस्व जैसे महत्वपूर्ण विभागों के अलावा कुछ अन्य विभागों में पदस्थ अधिकारी व कर्मचारी अक्सर कार्यालय समय में मौजूद नहीं रहते। कई बार लोग शिकायत लेकर या जरूरी कार्यों के लिए कार्यालय पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें 'साहब बाहर हैं' या 'अभी मीटिंग में हैं' जैसे जवाब देकर टरका दिया जाता है।
नीजी कंपनियों के सेल्समेन की भूमिका में कर्मचारी ?
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कुछ कर्मचारी तो खुलेआम अपने निजी दुकान, कृषि दवाई के व्यापार या मोटे आदमी को पतला और पतले आदमी को मोटा करने जैसे अन्य व्यवसायिक गतिविधियों में शामिल हैं।पता चला है कि कुछ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारीयों से किसानों द्वारा शासन से मिलने वाली खाद बीज संबंधित जानकारी के लिए मोबाइल पर संपर्क करने पर उन्हें जबरन नीजी कंपनियों की दवाईयां मंहगे दामों में थमा कर मुनाफाखोरी की जा रही है।
यहां तक कि कुछ कर्मचारियों द्वारा अपने पद का उपयोग कर निजी हित साधने के भी आरोप लगे हैं। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि गांव-गांव में किसानों के सीधे संपर्क में रहने वाले कर्मचारियों को नीजी कृषि दवाई कंपनियों द्वारा भारी कमीशन देकर अपने गुणवत्ताहीन दवाईयां मंहगे दामों में खपाई जा रही है। जबकि इससे शासन की छवि धूमिल हो रही है।
प्रशासनिक उदासीनता पड़ सकती है भारी?
किसानों का यह भी कहना है कि प्रशासन को इन मामलों की गंभीरता से जांच कर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए। यदि समय रहते ऐसे मामलों पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे न केवल सरकारी व्यवस्था की साख पर बट्टा लगेगा, बल्कि जनता का विश्वास भी उठ जाएगा।
इस मामले में जब जिम्मेदार अधिकारी से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि फिलहाल अभी वे छुट्टी में है छुट्टी से लौटने पर इस मामले की जानकारी लेंगे।
सरकार की लुटिया डुबोने की साज़िश या कुर्सी को पैसे की भूख ?
भंवरपुर क्षेत्र में शासकीय कर्मचारियों द्वारा सरकारी ड्यूटी में लापरवाही और निजी व्यवसाय में सक्रियता एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है। प्रशासन की निष्क्रियता यदि ऐसे मामलों में जारी रही, तो इसका खामियाजा अंततः आम जनता को ही भुगतना पड़ेगा। जिसका सीधा असर आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में पड़ सकता है। जानकारों को यह भी आशंका है कि कहीं यह सरकार को बदनाम करने की सुनियोजित साजिश तो नहीं, या फिर कुर्सी को पैसे की भूख है यह आम जनता को तय करना है।