
बसना : जांच की आड़ में लीपापोती, शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल, शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव को शिकायत
शिक्षा विभाग में जांच प्रक्रिया को लेकर गंभीर लापरवाही सामने आई है। शिकायतकर्ता विनोद कुमार दास ने संकुल समन्वयक अन्जय कश्यप मिडिल स्कूल मोहगांव प्रकरण में गंभीर गडबडियो की शिकायत सीधे स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव, विभागीय सचिव सिद्वार्थ कोमल परदेशी और डीपीआई संचालक ऋतुराज रघुवंशी को पत्र लिखकर की है। दास का आरोप है कि जिला शिक्षा अधिकारी विजय लहरे ने जांच को निष्पक्षता से नही किया है और मूल तथ्यो को दबा दिया है। शिकायतकर्ता ने शासन व प्रशासन से मूल आवेदन 06 जनवरी की पुनः नये सिरे से निष्पक्ष जांच की मांग किया है।
दरअसल संभागीय संयुक्त संचालक ने 30 मई को विजय लहरे को 15 दिवस में स्पष्ट अभिमत सहित प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। लेकिन उन्होने उक्त आदेश का अवहेलना करते हुए ढाई माह तक फाइल दबाकर रखी। जांच पूरी करने के बाद भी प्रतिवेदन 24 दिन तक टेबल पर अटका रहा। इस दौरान मामले की खबरें अखबारो में प्रमुखता से छपी। शिक्षा विभाग की किरकिरी हुआ।
दबाब बढने पर 18 अगस्त को आनन फानन में प्रतिवेदन भेजा गया, जिसमें न तो स्पष्ट अभिमत था और न ही सभी तथ्य शामिल थे। रिपोर्ट में कही निष्कर्ष अधूरा था तो कही जानबूझकर छोड दिया गया है, नही लिखा है। चौकाने वाली बात यह रही कि संभागीय संयुक्त संचालक संजीव श्रीवास्तव ने गंभीरता नही दिखाते हुए इस दूषित प्रतिवेदन के आधार पर फौरी तौर पर दण्ड आदेश जारी कर दिया। सूत्रो के अनुसार प्रतिवेदन के अभिमत में कई सारवान तत्व का स्पष्ट उल्लेख नही है, जिससे जांच की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खडे हो रहे है।
शिकायतकर्ता ने उच्च स्तरीय टीम गठित कर पुनः जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि पक्षपातपूर्ण रवैये से तैयार रिपोर्ट न्यायसंगत नही है। इस संबंध में संभागीय संयुक्त संचालक संजीव श्रीवास्तव से उनका पक्ष लेने का प्रयास किया गया। उन्होने मोबाइल काल का एवं मैसेज का जबाब नही दिया।