पिथौरा : विद्यालय में शिक्षक कमी से विद्यार्थी व उनके अभिभावक परेशान
छत्तीसगढ में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. जैसे स्वामी आत्मानंद हिंदी इंग्लिश माध्यमिक विद्यालय का संचालन, युक्तियुक्तकरण, सभी विद्यालय में शाला विकास समिति गठित करना। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य में संचालित सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की प्रगति और क्रियान्वयन के लिए निगरानी रखना तथा सहयोग करना है।
परंतु अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में कई वर्षों तक शिक्षकों के पद खाली रहते हैं। एक शिक्षक के ऊपर अपने विषय के अतिरिक्त अन्य विषयों को पढ़ाने और समय पर सिलेबस खत्म करने की जिम्मेदारी होती है। जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पाती है। इन सरकारी स्कूलों में अधिकतर आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चे ही पढ़ने आते हैं। ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता या तो साक्षर नहीं होते हैं या फिर घर की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण दोनों ही मजदूरी करने निकल जाते हैं। शिक्षा हमारे उज्ज्वल भविष्य के लिए बहुत ही आवश्यक है, शिक्षा का उच्च स्तर लोगों की सामाजिक और पारिवारिक सम्मान तथा एक अलग पहचान बनाने में मदद करता है। अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्कूल में जाना आवश्यक है, लेकिन स्कूल में शिक्षा देनें के लिए शिक्षक ही न हों तो कहां जाएं। ऐसे में स्कूल में शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है. शिक्षकों की कमी के कारण सिलेबस भी पाठ्यक्रम अधूरा पड़ा रह जाता है।
ऐसे में परीक्षा के परिणाम पर भी बुरा असर पड़ता है। स्वामी आत्मानंद हिंदी अंग्रेजी माध्यमिक विद्यालय पिरदा में महज 6 व्याख्याता ही कार्यरत है तथा व्यायाम शिक्षक, ग्रंथपाल, सहायक विज्ञान शिक्षक, सहायक ग्रेड 2, सहायक ग्रेड 3, भृत्य, स्लीपर कुल स्टाफ 14 है, विद्यालय में कुल स्टाफ की स्वीकृति 26 है तथा विद्यार्थियों की संख्या नवमी में 140 दसवीं 105 तथा 12 वीं 124 अन्य कक्षा मिलाकर करीब 400 से ज्यादा अध्यनरत है ऐसे में विद्यालय शिक्षकों की कमी के कारण न केवल बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, बल्कि रिजल्ट पर भी बुरा असर पड़ रहा है। हिंदी, अर्थशास्त्र, गणित वाणिज्य, आदि के शिक्षकों की कमी है और वार्षिक बोर्ड परीक्षा के समय सारिणी आ चुकी है ऐसे में विद्यालय में शिक्षक कमी से विद्यार्थी व उनके अभिभावक परेशान हैं।
प्राचार्य तरुण पटेल पर भ्रष्टाचार तथा नियमित नहीं पढ़ाने के लग चुके है आरोप, हो चुकी है शिकायत
शिक्षा विभाग में शाला विकास समिति के अध्यक्ष इंदल बरीहा द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी के पास शिकायत की गई थी शिक्षक नियमित रूप से नहीं पढ़ा रहे हैं तथा प्राचार्य द्वारा भ्रष्टाचार किया जा रहा है परंतु अभी तक इसकी जांच नहीं हो पाई है शासन प्रशासन की उदासीनता देखी जा रही है तथा बच्चों के भविष्य को खिलवाड़ किया जा रहा है ऐसे में देखना होगा कि जांच कब तक होती है तथा नियमित नहीं पढ़ा रहे शिक्षकों के ऊपर क्या कार्रवाई होती है
इस संदर्भ में शाला विकास समिति के अध्यक्ष इंदल बरीहा को पूछने पर उन्होंने बताया कि मैंने माननीय जिला शिक्षा अधिकारी को इस संदर्भ के बारे में अवगत कराया था तथा उनके द्वारा जांच टीम गठित की गई थी परंतु शिक्षक नियमित रूप से नहीं पढ़ा रहे हैं इसकी अभी तक किसी प्रकार की कोई भी जांच नहीं की गई है।