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सरायपाली : आँगनबाड़ी केंद्रो मे सुपोषण चौपाल का आयोजन

बच्चो, महिलाओं को सुपोषण चौपाल मे बताया जा रहा पौष्टिक आहार का महत्व

बच्चे के जीवन के पहले 1000 दिन बाल विकास के लिए एक महत्वपूर्ण अवधि

महासमुंद जिले के सरायपाली विकासखंड के आँगनबाड़ी केंद्रो मे महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वाधान में समुदाय आधारित गतिविधि सुपोषण चौपाल के माध्यम से गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं को उचित स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधित सकारात्मक व्यवहारों में सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने सुपोषण चौपाल का आयोजन किया गया, महिला बाल विकास की पर्यवेक्षक दीक्षा बारीक (प्रशासनिक प्रभारी सरायपाली) द्वारा महिलाओं को पोषण आहार से जुड़ी जानकारी दिया गया।

आहार के बारे में बताते हुए कहा कि गर्भावस्था और प्रसव के बाद महिलाओं को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है, क्योंकि इस समय शरीर को उचित मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिलते और माता व नवजात शिशु कुपोषण का शिकार हो सकते हैं। 

बच्चे के जीवन के पहले 1,000 दिनों पर केंद्रित यह बाल विकास के लिए एक महत्वपूर्ण अवधि है। पोषण पखवाड़ा स्वास्थ्यवर्धक भोजन विकल्पों को बढ़ावा देकर हर बच्चे को स्वस्थ शुरुआत का हक है, हर माँ को उचित पोषण का हक है और हर परिवार को पौष्टिक भोजन मिलना चाहिए। फिर भी, भारत में लाखों लोगों के लिए कुपोषण एक खामोश संकट बना हुआ है - जो न केवल व्यक्तियों को बल्कि पूरे देश के भविष्य को प्रभावित करता है। परिवर्तनकारी कार्रवाई की आवश्यकता को पहचानते हुए, एक प्रमुख कार्यक्रम जिसका उद्देश्य समग्र दृष्टिकोण के माध्यम से महिलाओं और बच्चों के लिए पोषण परिणामों में सुधार करना है। इसकी प्रमुख पहलों में एक सुपोषण चौपाल कुपोषण को दूर करने में जागरूकता बढ़ाने और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए एक शक्तिशाली मंच के रूप में है।

इस समय के दौरान अच्छा पोषण, प्यार, देखभाल और शुरुआती सीखने के अनुभव उन्हें एक स्वस्थ, स्मार्ट और खुशहाल व्यक्ति बनने में मदद कर सकते हैं। जीवन के पहले 1000 दिनों पर विशेष जोर दिया है, जो वास्तव में किसी भी बच्चे के लिए जादुई खिड़की है।


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