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ग्राम पंचायत टेका की बदहाली का सुध लेने वाला कोई नही, पंचायत भवन के अभाव में यात्री प्रतीक्षालय में काम करने को मजबूर।

पिथौरा ब्लॉक के टेका ग्राम पंचायत जो कि राष्ट्रीय राजमार्ग 53 पर स्थित,  जिसकी आज ऐसी हालत बनी हुई है, कि यदि कोई प्रशासनिक अमला का दौरा हो तो उन्हें बैठने तक को भी जगह न मिले, क्योंकि टेका के ग्राम पंचायत भवन पूरी तरीके से जर्जर हो चुकी है।

आश्चर्य की बात तो यह है कि पिछले सात सालों से पंचायत का कार्य निजी साहू समाज भवन में हो रही है,  लेकिन अब समाज द्वारा भवन खाली करने का दबाव है। जबकि यह सारा मामला जन दर्शन से लेकर प्रशासन को अवगत कराया गया है, किन्तु समस्या का हल नही हो पाने से पुरे ग्राम पंचायत में नाराजगी का माहौल है।

ग्राम के नव निर्वाचित सरपंच रामप्रसाद साहू ने cg sandesh  को बताया,  कि चार्ज लेने के बाद लॉकडाउन के कारण जॉब कार्ड और सामान्य कार्य साहू भवन से पंचायत संचालित हो रहा है,  जबकि साहू समाज ने भवन को खाली करने का निर्देश दे दिया है,  ऐसे में मजबूरन सारे पंच ने मिलकर यह निर्णय लिया,  कि एन एच् 53 से लगे यात्री प्रतीक्षालय में कार्यलयिन कार्य किये जाएंगे,  जो इक्कीसवीं सदी के भारत के ग्राम पंचायत के परिकल्पना का दुर्भाग्य है।

महात्मा गांधी ने ऐसे ही नही कहा था कि भारत की आत्मा गावों में बसती है। लेकिन वह क्या कारण है, कि टेका ग्राम पंचायत की हालत आज ऐसी है? कहीं पूर्व में वहाँ के विकास और योजनाओ का भ्रष्टाचार के रूप में बलि तो नही चढा दी गई?

कर्मठ एवं जुझारू सरपंच साथ मे सचिव के लगन और मेहनत का नतीजा है कि भवन के अभाव में भी पंचायत को सुचारू ढंग से चलाया जा रहा है। वर्तमान में कोरोना संकट को देखते हुए सरपंच और ग्राम पंचायत ने मिलकर यह निर्णय लिया, कि मनरेगा के काम शुरू होने से पहले सभी को मास्क और हैंडवाश वितरण हो जाएगा।





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