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महात्मा गांधी नरेगा बना ग्रामीणों के रोजगार का सहारा, शारीरिक दूरी बनाकर कार्य कर रहें हैं मजदूर, जिले के 518 ग्राम पंचायतों में चल रहा है मनरेगा का कार्य

महासमुंद 22 अप्रैल 2020/ कोरोना महामारी के चलते एक तरफ जहाँ हजारों मजदूरों पर रोजी-रोटी की संकट बनी हुई है। वहीं दूसरी ओर मनरेगा योजना के तहत जिले के 63 हजार 458 मजदूर अपना जीवन यापन कर रहे। जिले भर में मनरेगा के तहत वर्तमान समय में करीब 518 ग्राम पंचायतों में एक हजार 954 निर्माण कार्य चल रहे है, जिससे नागरिकों को काम मिल रहा है। कोरोना वायरस एक वैश्विक महामारी है, जिससे बचने के तरीके से एहतियात रखना बेहद जरूरी है, इसके लिए हमेशा सोशल डिस्टेसिंग और साबुन से नियमित हाथ धुलाई महत्वपूर्ण है।  जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रवि मित्तल ने गत दिनों बसना विकासखंड में संचालित मनरेगा संबंधित निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया । उन्होंने ग्राम खोगसा के श्री कृपाराम, मोहनसाय के डबरी निर्माण , ग्राम पलसाभाड़ी में आनंद कुमार एवं शिव प्रसाद द्वारा कराए जा रहे भूमि सुधार के कार्यों, ग्राम लोहड़ीपुर में सुमित्रा एवं पुनितराम तथा ग्राम पंचायत उड़ेला, ग्राम मुड़ीडीह में पनखती तालाब गहरीकरण के कार्यों का निरीक्षण किया।  

डॉ. मित्तल ने कहा कि इस समय अधिक से अधिक हितग्राहियों को सोसियल डिस्टेनसिंग और शासन के गाइड लाइन के आधार पर नियोजित करने तथा जिन्हंे जाॅब कार्ड की आवश्यकता हो उन्हें  जाॅब कार्ड नियमानुसार जारी करें। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में अधिक से अधिक डबरी निर्माण, भूमि सुधार एवं हितग्राही एवं आजीविका मूलक  कार्यों को स्वीकृत करा कर सभी सक्रिय श्रमिकों को लाभान्वित करने को कहा। इस अवसर पर जनपद पंचायत के सीईओ श्री पंकज देव, जिला पंचायत मनरेगा के एपीओ श्री प्रथम अग्रवाल, जनपद पंचायत पीओ श्री प्रेमचंद बंजारे एवं संबंधित ग्राम के तकनीकी सहायक उपस्थित थे । अधिकारियों ने बताया कि सोशल डिस्टेसिंग का पालन मनरेगा के तहत चल रहे निर्माण कार्यों के दौरान भी श्रमिकों द्वारा पालन किया जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में मजदुरों द्वारा कार्य के दौरान मास्क का उपयोग भी किया जा रहा है, वहीं सेनेटाइजर या साबुन से समय-समय पर हाथ भी धोया जाता है।

जल संवर्धन और भूमि सुधार पर फोकस

मनरेगा के कामों में जल संवर्धन और भूमि सुधार के कार्यों पर अधिक फोकस किया जा रहा है, जिससे राज्य शासन के ड्रीम प्रोजेक्ट नरवा, गरवा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन में भी सहायता मिलेगी। इसके अंतर्गत पशु शेड, मुर्गी शेड, भूमि सुधार, बकरी शेड जैसे कार्य तत्काल आरम्भ करने पर जोर दिया जा रहा है, जिससे लोगो का आर्थिक स्तर  मजबूत होगा और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगो में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। जिले में 13 करोड़ से ज्यादा मजदूरी भुगतान का बकाया मनरेगा के तहत काम शुरू कराने के पूर्व भुगतान की भी व्यवस्था कराई गई है। जिले में प्रतिदिन एक से डेढ़ लाख श्रमिकों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है।

सभी पंचायतों में शुरू होगा मनरेगा का काम, सभी मजदूर होंगे शामिल

मनरेगा के अंतर्गत सभी मजदूर जिन्हें रोजगार की आवश्यकता है, उनके मांग के अनुसार उन्हे कार्य दिलाया जा रहा हैं। इस दौरान सोशल डिस्टेसिंग, मास्क पहनना और नियमित हाथ-धुलाई पर विशेष ध्यान दिया जायेगा।

महासमुन्द के 518 ग्राम पंचायतों में 63 हजार 458 मजदूर कार्यरत है

लोहड़ीपुर के मजदूर श्री गौरी सिंग, कार्तिक राम ने बताया कि लाॅकडाउन में सभी कार्य बंद था। इससे हमारे आजीविका में परेशानी हो रही थी, मनरेगा के कार्य शुरू होने से हमंे रोजगार मिल रहा हैं। शासन ने मजदूरी की राशि  176 रूपए से बढ़ाकर 190 रुपए कर दी है, हम सभी श्रमिक शासन के आभारी है, जिससे हमें पंचायत में ही रोजगार प्राप्त होे रहा हैं। खोगसा के सुलोचना साहू, जगतराम और दशोदा, अंजोर साहू ने बताया मैं महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना की आभारी हूॅ, जिन्होंने इस कोरोना महामारी के संकट की घड़ी में डबरी निर्माण कार्य देकर आजीविका का अवसर प्रदान किया।



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