जिले के गौठान को मल्टी एक्टीविटी सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा हैं
महासमुंद 12 मई 2020/ राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा
और बाडी योजना के तहत महासमुन्द जिले के प्रत्येक विकासखण्ड में गौठान
निर्माण का कार्य संचालित है। शासन से प्राप्त निर्देश पर कलेक्टर श्री
सुनील कुमार जैन के मार्गदर्शन में जिले के गौठान को मल्टी एक्टीविटी सेंटर
के रूप में विकसित किया जा रहा है। जिसमें विभिन्न आजीविका तथा रोजगार
मूलक कार्यो के लिए आजीविका संवर्धन गतिविधियों का संचालन एक ही स्थान पर
किया जा सकेगा। जहाॅ पर महिला स्व-सहायता समूह के विभिन्न उत्पाद एवं ग्राम
के विशिष्ट उत्पाद को आगामी समय में एक ही स्थान पर प्रदर्शनी के लिए
सरलता से उपलब्ध कराया जाएगा।
वर्तमान समय में आधुनिक खेती के कारण
किसानों द्वारा खेतों पर अधिक रासायनिक एवं कीटनाशक के उपयोग से भूमि की
उर्वरकता शक्ति काफी कम हो गई है। इसके लिए जिले के सभी विकासखण्ड केे
अंतर्गत आने वाले गौठानांे में स्व-सहायता समूहों द्वारा गौठानों में
उपलब्ध गोबर एवं कचरे से वर्मी-कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा रहा है।
महिलाओं द्वारा केचुएं की मदद से गोबर एवं कचरे को खाद में परिवर्तित करने
के लिए केंचुओं को नियंत्रित वातावरण में पाला जाता हैै। केंचुओं द्वारा
कचरा खाकर जो कास्ट निकलती है उसे एकत्रित रूप से वर्मी कम्पोस्ट कहते है।
स्व-सहायता समूहों द्वारा 975 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट जैविक खाद का निर्माण
किया गया।
जिसमें से 207 क्विंटल जैविक खाद लगभग एक लाख 76 हजार 300 रूपए
में उद्यानिकी विभाग एवं वन विभाग द्वारा विक्रय किया गया है। शेष खाद जल्द
ही विक्रय करने के लिए मांग की गई है। स्व-सहायता समूहों द्वारा कृषि में
जैविक तकनीक लाने के लिए खाद के साथ-साथ जैविक कीटनाशक का निर्माण भी किया
जा रहा है। जिसको गांव के किसान स्व-सहायता समूह से खरीद कर अपने खेतो में
उपयोग कर लाभान्वित हो रहे है। अन्य आजीविका गतिविधि के रूप में मशरूम
उत्पादन, साबुन निर्माण, फिनाईल, हारपिक निर्माण, वाशिंग पाउडर, हैण्डवाश,
मिक्चर निर्माण, मिठाई, लड्डू, दोना-पत्तल निमार्ण, बाडी कार्य तथा गोबर से
दिया, कण्डा, गमला, धूपबत्ती निर्माण का कार्य किया जा रहा है। जिससे समूह
की महिलाओं में आय के साथ-साथ निरंतर कार्य करने के लिए जागरूगता, एकता
एवं आत्म विश्वास बढ़ रहा है।