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स्वास्थ्य विभाग के लचर रवैये से सारंगढ़ अंचलवासी ख़ौफ़ के साये में ? इस लापरवाही के लिए कौन है जिम्मेदार?

जगन्नाथ बैरागी. रायगढ़ जिले मे घर वापसी करने वाले मजदूरों मे सबसे अधिक प्रवासी मजदूर सारंगढ़़ विकासखंड़ के है। मई माह के अंत मे लगभग 5000 हजार मजदूरो को क्वारेंटाईन सेंटरो मे रखा गया है। वही 1200 से अधिक मजदूरो को 14 दिन का क्वारेंटाईन पूरा करने के बाद घर भेज दिया गया है। वही शहर मे लगभग 100 से अधिक बाहर से आने वाले क्वारेंटाईन व्यक्ति है। इस प्रकार लगभग 6300 मजदूर सारंगढ़ आये है जो कि रायगढ़ जिले मे बाहर से आये हुए मजदूरो की कुल संख्या के लगभग 80 प्रतिशत है।

क्या स्वास्थ विभाग का लचर रवैया से सारंगढ़ के ऊपर खतरा बढ़ा?

इस पूरे मामले मे सबसे अधिक लापरवाही स्वास्थ विभाग की सामने आई है। रात तक स्वास्थ विभाग यह बताने मे असमर्थ रही कि उक्त महिला कब जम्मू से आई थी?  तथा कब इसका सैम्पल रायगढ़ मेडिकल कालेज भेजा गया था? वही डिलीवरी के लिये उक्त महिला को कब और किस वाहन से रायगढ़ जिला चिकित्सालय रायगढ़ रिफर किया है? 

इस सवाल का भी जवाब स्वास्थ विभाग के पास नही है। कोरोना पाजीटीव जैसे संवेदनशील मामले मे बीएमओ के द्वारा कोई जानकारी नही होने की जानकारी दिये जाने से स्वास्थ विभाग की लापरवाही सामने दिख रही है।

वही सूत्रो की माने तो इस महिला द्वारा रक्शा के क्वारेंटाईन सेंटर से स्वयं के द्वारा ही उचित ईलाज के लिये जिला चिकित्सालय के जाने की खबरे मिल रही है। इस बारे मे ना तो क्वारेंटाईन सेंटर के प्रभारी को कोई जानकारी है और ना ही स्वास्थ विभाग को कोई जानकारी है। 

अगर यह दावा सच हुआ तो सारंगढ़ में कोरोना व्यवस्था भगवान भरोसे ही संचालित हो रही है इस बात मे कोई दो राय नही है। तथा इनकी लापरवाही का भुगतान जनता आम जनता के जिंदगी पर न पड़े।




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