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सरायपाली सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में कटा कर्मचारी का कोट्पा चालान

अब चिकित्सालय परिसर में तंबाकू सेवन करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों की होगी जांच

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सरायपाली के बी.एम.ओ. ने एक कर्मचारी को गुटखा चबाते पकड़े जाने पर चालानी कार्रवाई कर पचास रुपए का जुर्माना वसूला

महासमुंद 29 जून 2020/ तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी या गुटखा, गुड़ाखू इस सामाजिक बुराई ने आज हर आम और खास लोगों के बीच गहरी पैठ बना ली है। चिकित्सालय परिसर एवं शासकीय दफ्तरों से ताल्लुक रखने वाले ऐसे लोग, जो तथाकथित रूप से सार्वजनिक स्थलों में तंबाकू की गिरफ्त के बाहर नहीं निकल पाए हैं। उनके नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिले के समस्त चिकित्सालय परिसरों को पूर्णतः तंबाकू मुक्त करने के अभियान में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की निर्देशिका का कड़ाई से पालन करवाना शुरू कर दिया है। इस कड़ी में विगत दिवस सरायपाली के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमृत लाल रोहलेडर ने कोट्पा अधिनियम-2003 के प्रावधान अंतर्गत एक कर्मचारी का चालान कर पचास रुपए का जुर्माना वसूला तथा जुर्माना राशि को सरकारी खजाने में जमा भी करवाया। विकासखण्ड कार्यक्रम प्रबंधक मती शीतल सिंह ने बताया कि विगत दो वर्षों से परिसर में पान, गुटखा, तंबाकू इत्यादि नशीले पदार्थों के सेवन पर प्रतिबंध लगाने के प्रयासों में लगतार समझाईश दी जाती रही है।

शुक्रवार 26 जून 2020 को अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर जागरूकता लाने के उद्देश्य से अभ्यास पुनः दोहराया गया। इसके बावजूद 27 जून को दिन में ड्यूटीरत एक कर्मचारी को चिकित्सालय भवन में गुटखा सेवन करते पाया गया। जिस पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसपी वारे के निर्देशानुसार खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. रोहलेडर की अगुआई में चालानी कार्रवाई किया गया। इसके उपरांत जिला तंबाकू नशा-मुक्ति केंद्र के सामाजिक कार्यकर्ता  असीम वास्तव भी मौके पर पहुंचे और आगे भी कार्रवाई जारी रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि परिसर में दोबारा तंबाकू सेवन करते पाए जाने पर अगली बार प्रावधान अनुरूप अधिकतम चालान किया जाएगा। 

जिला चिकित्सालय भवन में जारी तंबाकू उत्पादों की दैनिक जमा-तलाशी के दौरान आज सबेरे एक युवक गुटखा व तंबाकू सेवन करते पकड़ा गया। सुरक्षाकर्मियों ने तत्काल उसे पकड़कर चिकित्सालय प्रबंधन को सौंपा तथा उससे चालानी कार्रवाई कर दो सौ रुपए का अर्थदण्ड वसूलते हुए, फिर कभी सार्वजनिक स्थल में तंबाकू सेवन न करने की समझाईश देकर उसे छोड़ा गया।

नियम सबके लिए बराबर

राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ. अनिरुद्ध कसार ने बताया कि नियम सभी के लिए बराबर हैं। चाहे मरीज उनके परिजन हो या स्वास्थ्य विभाग के दफ्तर में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी और चिकित्सालय में ड्यूटीरत स्वास्थ्यकर्मी, प्रतिबंधित क्षेत्र में तंबाकू सेवन करते पाए गए तो उनसे दो सौ रुपए का चालान या एक साल की सजा, या फिर दोनों हो सकती हैं।






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