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सारंगढ़ अंचल के दो भाई-बहन शार्वी और सार्थक केशरवानी ने पूरे छतीसगढ़ का बढ़ाया मान..नृत्य साधिका सम्मान और सुर साधक सम्मान से सुशोभित.....

देश विदेश में अपने कला से बटोर चुके हैं वाहवाही

दर्जनों रास्ट्रीय पुरुस्कारों से सम्मानित है शार्वी

भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढाते हुवे महज 9 वर्ष की उम्र में सारंगढ़ अंचल के बढ़ाया मान

पिता श्री रीतेश केशरवानी और माता श्रीमती तोषी गुप्ता की मेहनत और तपस्या का मिल रहा फल

कहा जाता है कि सच्ची लगन से किया गया कोई भी कार्य अच्छे परिणाम ही देती है।

सारंगढ़ मोना मॉडर्न हायर सेकंडरी स्कूल में संस्थापक श्री रितेश केशरवानी और तोषी गुप्ता केशरवानी के दोनो बच्चों ने अपनी अथक मेहनत और लगन से शास्त्रीय गायन और कत्थक नृत्य में महज 9 वर्ष एवमं 14 वर्ष की आयु में जो मुकाम हासिल किया है, वो मुकाम हासिल करने में जिंदगी कम पड़ जाती है।

नृत्य मुद्रा कत्थक केंद्र जबलपुर-पुणे द्वारा आयोजित ऑनलाइन फेसबुक लाइव परफॉर्मेंस में सारंगढ़ नगर की शार्वी केशरवानी ने भी हिस्सा लिया और अपनी बेहतरीन प्रस्तुति दी। जिसके लिए शार्वी को नृत्य मुद्रा कत्थक केंद्र द्वारा “नृत्य साधिका सम्मान” दिया गया। ज्ञातव्य हो इससे पहले शार्वी थाईलैंड, बैंगलोर, गोवा, उदयपुर, उज्जैन,भिलाई सहित देश विदेश में लगभग 15 जगहों में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुकी है।

शार्वी केशरवानी की उपलब्धियां:-

मोना मॉडर्न इंग्लिश मीडियम स्कूल सारंगढ़ की क्लास चौथी की छात्रा शार्वी को अभी तक कत्थक नृत्य में “नृत्य ओजस्वी अवार्ड”, “स्वर्ण अवार्ड”, “बेस्ट क्लासिकल आर्टिस्ट ऑफ थे ईयर अवार्ड”, “जजेज़ चॉइस अवार्ड” के साथ कई पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। मात्र 9 वर्ष की उम्र में शार्वी केशरवानी की ये उपलब्धि इनके आगे की सफलता खुद बखुद बयान करती है।

इसी तरह सारंगढ़ नगर के सार्थक केशरवानी ने भी नृत्य मुद्रा द्वारा आयोजित ऑनलाइन फेसबुक लाइव में अपने शास्त्रीय गायन की बेहतरीन प्रस्तुति दी। जिसके लिए उन्हें “सुर साधक सम्मान” प्राप्त हुआ।

सार्थक ने बढ़ाया मान और सम्मान:-

इससे पहले मोना मॉडर्न इंग्लिश मीडियम स्कूल सारंगढ़ के क्लास नवमीं के छात्र सार्थक ने शास्त्रीय गायन में थाईलैंड में “स्वर्ण अवार्ड”, उदयपुर में “बेस्ट परफॉर्मर ऑफ द इवेंट अवार्ड” के साथ, गोआ, भिलाई ,रायपुर सहित देश विदेश के एक दर्जन से अधिक जगहों में अपनी कला का प्रदर्शन कर कई पुरस्कार प्राप्त किये हैं।
दोनों भाई-बहन की भारतीय संस्कृति के इस लगाव और भारतीय सांस्कृतिक धरोहर शास्त्रीय गायन और शास्त्रीय नृत्य की इस साधना से इनके माता पिता श्री रीतेश केशरवानी और माता श्रीमती तोषी गुप्ता केशरवानी ने हर्ष व्यक्त किया है और इनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

माता पिता को मानते हैं अपना रोल मॉडल:-

छोटी दी उम्र में सफलता का शिखर छूने वाले दोनों भाई बहनों के रोल मॉडल कोई फिल्मस्टार को नही अपितु अपने माता-पिता को मानते हैं। ज्ञात हो कि माता श्रीमती तोषी गुप्ता केशरवानी स्वयं आला दर्जे की नृत्यांगना हैं जिनकी छवि शार्वी केशरवानी हैं।
आज के दौर में जहां बच्चों को कार्टून, फिल्मस्टार, या अन्य क्षेत्रों में रुचि रहती हैं वहीं माता पिता ने अपने बच्चों को भारतीय सांस्कृतिक धरोहर शास्त्रीय गायन और कत्थक में रुचि जगाकर सिद्धस्त किया है।

प्रत्येक माता पिता को इनसे प्रेरणा लेकर अपने बच्चों को सही दिशा देने की आवश्यकता है।







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