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पुलिस पर सूदखोरों को बचाने का आरोप ! नहीं मिला न्याय तो किसान ने राज्यपाल से मांगी इच्छामृत्यु.

सूदखोरी के चलते क्षेत्र ने आज कई गरीब, मज़दूर, किसान, लगातार शोषित होते आ रहें है. इनमे से कोई व्यक्ति अपनी परिस्थितियों से हारकर साहूकारों से कर्ज़ तो ले लेता है लेकिन उसे वापस करने जैसी स्थिति उस ग़रीब की नही बन पाती और फिर सूदखोर की प्रताड़ना से वे लगातार तंग होते रहते है.

मामला बसना थाना के ग्राम गिधामुण्डा का है जहाँ एक किसान सूदखोरी के चलते परेशान होकर अब राज्यपाल से इच्छामृत्यु की मांग की है. किसान बेदलाल साव पिता रविशंकर साव द्वारा राज्यपाल से मांगे गए इच्छामृत्यु के पत्र में बताया है कि छत्तीसगढ़ पुलिस सूदखोरों से मिलीभगत कर उसके साथ अन्याय कर रही है.

बेदलाल साव ने बताया कि सूदखोरों से जो रकम उसने ली थी वह ब्याज सहित लौटा दिया है, लेकिन फिर भी एक सूदखोर ने उसके ट्रेक्टर को 8 लाख 50 हजार में बेच दिया. दुसरे सूदखोर ने फर्जी लिखापढ़ी कर उसके नाम से 6 लाख रुपये चेक बाउंस का केश कर दिया. और तीसरे ने दबावपूर्वक जबरन चेक में हस्ताक्षर करवाकर उसके ऊपर 2-2 लाख के चेक बाउंस का केश किया.

बेदलाल साव ने बताया इसकी शिकायत उसने जिले में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक से लेकर राज्य के गृहमंत्री, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति से भी कर चुके है, धरना प्रदर्शन भी कर चुकें है लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिलने से उन्होंने राज्यपाल से इच्छामृत्यु की मांग की है अन्यथा प्रकरण का पूर्व जज से अनुसंधान करवाने को कहा है.

बेदलाल साव ने अपने पत्र में बताया है कि पूर्व में जाँच अधिकारियों ने सूदखोरों से मिलीभगत कर अपने पद का दुरुपयोग कर उन्हें बचाया जिसके बाद उन्हें पुलिस जाँच में विश्वास नहीं है. बेदलाल साव ने बताया कि सूदखोरों ने अपने प्रभाव और पैसों का उपयोग कर अपने आप को बचा लिया और पुलिस ने भी ईमानदारी पूर्वक कार्यवाही नहीं की.




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