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धान शॉर्टेज कर सरकार को लगाया करोड़ रुपये का चुना, बावजूद नही हुआ एफ.आई.आर

भंवरपुर जिला सहकारी बैंक अंतर्गत प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति उड़ेला खाद घोटाला के बाद अब धान खरीदी में प्रभारी व्यवस्थापक द्वारा लाखों का घोटाला किया गया है, लेकिन घोटालेबाज को बचाने के लिए अधिकारी एवं समिति के लोग एड़ी चोटी एक कर रहे हैं. सहायक समिति प्रबंधक (पूर्व व्यवस्थापक) को जिम्मेदार बताते हुए  

बैंक प्रबंधक के बिना हस्ताक्षर किए पर्यवेक्षक द्वारा नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है, जबकि 2019-20 में किए गए धान खरीदी से लेकर खाद वितरण तक की जिम्मेदारी समिति प्रभारी बसंत लाल नाग ने संभाली थी.

जानकारी अनुसार उडे़ला सहकारी समिति में धान खरीदी के पहले पूर्व व्यवस्थापक शिवलाल नायक द्वारा इस्तीफा देकर 19 सितंबर 2019 को समिति का व्यवस्थापक बसंत लाल नाग को सौपा. 6 नवंबर 2019 को उन्हें समिति के धान खरीदी से लेकर खाद वितरण तक का पूर्ण चार्ज दिया गया. बसंत ने स्टाम्प में लिख कर भी उच्च अधिकारियों को दिया और समिति को आश्वासन किया कि धान खरीदी में किसी तरह की कमी- बेशी होगी तो उसकी संपूर्ण जवाबदारी उनकी स्वयं की होगी. अंत में तीसरा कॉलम में उनके द्वारा शासन एवं समिति के नियमों एवं शर्तों के अधीन किसी भी तरह के अवैधानिक कार्य नहीं करने की बात कही गई है. लेकिन 1 दिसंबर 2019 से 20 फरवरी 2020 के मध्य किए गए धान खरीदी में 4729.94 क्विंटल ,जिसका शासन के समर्थन मूल्य बोनस सहित( एक करोड़ 18 लाख 24850 रुपए) शार्टेज पाया गया है. अब शार्टेज धान को भरने की बात आई तो वे समिति को दिये वादे से मुकरने लगे हैं और स्वयं द्वारा किए गए भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए पूर्व व्यवस्थापक को घसीटा जा रहा है. बात यहीं समाप्त नहीं होती?

खाद में भी 1000 पैकेट का हेराफेरी किसान हुए परेशान

बता दें की इसके अलावा उनके द्वारा 10 अप्रैल 2020 से 23 सितंबर 2020 के मध्य किसानों के लिए आए 4100 बोरी डीएपी खाद में 3100 बोरी खाद का आवक रजिस्टर में एंट्री किया गया और 1000 बोरी खाद की अफरा-तफरी की गई. जबकि खाद गोदाम की चाबी समिति प्रभारी के पास रहती है और उनके बिना अनुमति के किसी भी किसान को एक बोरा खाद तक नहीं मिलता. लेकिन 1000 पैकेट खाद कहां गया, यह भी जांच का विषय है.  

इसमें भी अपने आप को बचाने के लिए समिति प्रभारी ने पर्यवेक्षक से सांठगांठ कर पूर्व समिति प्रभारी द्वारा 500 पैकेट डीएपी खाद की अफरा-तफरी किए जाने की शिकायत कर दी और बैंक प्रबंधन के बिना हस्तक्षार के पर्यवेक्षक द्वारा नोटिस जारी कर दिया गया.

धान एवं खाद वितरण की जिम्मेदारी बसंत नाग की – पूर्व प्रभारी शिवलाल नायक  

पूर्व व्यवस्थापक शिवलाल नायक से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि विगत 2019- 20 में बसंत लाल नाग को धान खरीदी से लेकर खाद वितरण तक का प्रभार दिया गया है और इस बीच धान एवं खाद वितरण की जिम्मेदारी उनकी है. धान एवं खाद में जो कमी पाई गई है, उसके जिम्मेदार प्रभारी श्री नाग हैं. लेकिन भंवरपुर जिला सहकारी बैंक के प्रबंधक द्वारा बिना हस्ताक्षर किए मुझे नोटिस भेजा गया था, जबकि उन्हें भी मालूम है कि धान खरीदी, खाद वितरण में कमी पाए जाने पर समिति प्रभारी की ही जवाबदारी रहती है. लेकिन बैंक प्रबंधक ने समिति प्रभारी नाग को नोटिस ना देकर सहायक समिति प्रबंधक( पूर्व व्यवस्थापक) को नोटिस दिया है, जो गलत है. मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और जो घोटालेबाज है, उसके ऊपर दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए.

समिति में गड़बड़ी होने पर समिति प्रभारी जिम्मेदार- प्रबंधक

जिला सहकारी बैंक भंवरपुर के प्रबंधक अमृतलाल जगत से समिति में गड़बड़ी होने पर जिम्मेदार व्यक्ति के संबंध में पूछने पर उन्होंने कहा कि व्यवस्थापक (समिति प्रभारी) ही जिम्मेदार होता है. वहीं पूर्व व्यवस्थापक को बिना हस्ताक्षर किए नोटिस भेजने की बात पर उन्होंने बताया कि नोटिस व्यवस्थापक एवं पूर्व व्यवस्थापक दोनों को दिया गया है. पूर्व व्यवस्थापक द्वारा खाद को खाली करवाया गया था और एंट्री नहीं की गई थी, इसी कारण उनसे जवाब मांगा गया था. इसी तरह का नोटिस बसंत नाग को भी देकर जवाब मांगा गया है. बिना हस्ताक्षर किए बैंक लेटर पैड में नोटिस भेजने की बात पर उन्होंने कहा कि मेरे पास से नोटीस जारी हुवा था उसमें मेरा साइन है

वहीं करोड़ों रुपए के धान शार्टेज के बारे में बताया कि धान उठाव नहीं हुआ है और सड़ गया है, इसे लेकर समिति के लोग कलेक्टर एवं हाई कोर्ट में आवेदन लगाए हैं . वहां से सुनवाई होने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा.

धान शॉर्टेज होना लाजमी बात है – बसंत नाग

वहीं तत्कालीन प्रभारी व्यवस्थापक बसंत लाल नाग से संपर्क करने पर कहा की धान शॉर्टेज होना लाजमी बात है अकेले उड़ेला में ही नही हर जगह हुआ है, भंवरपुर,लम्बर में हुआ है, बड़ेसाजापाली में लगभग 1 करोड़, धुमाभाठा में 3 करोड़ रुपये का धान शॉर्टेज है, बारिश धान का उठाव लेट लतीफा से भी प्रभावित हुआ है, आगे श्री नाग ने बताया की धान खरीदी के सहायक कर्मचारियों के द्वारा एडिशनल एसपी से शिकायत किया गया है और आरोप भी लगा है कि शिवलाल नायक द्वारा धान, फंड पर नहीं लाया जाता था और फर्जी रूप से चढ़ाकर बैंक से राशि आहरण कर लिया जाता था, आगे श्री नाग ने तो धान के शॉर्टेज होने को सरकार की जवाबदारी बता दिया,

उपरोक्त विषय काफ़ी ही गंभीर है, धान खरीदी केंद्रों के द्वारा करोड़ों रुपए का चूना सरकार को लगाया जा रहा, अब देखना यह है कि मौजूदा कांग्रेस की सरकार इस तरह के भ्रष्टाचारियों पर लगाम कसने में कितना सफल हो पाएगी.? क्या सजा मिलेगा.? क्या मामला दर्ज होगा.?




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