भाजपा कार्यकर्ताओं की नि:शर्त रिहाई की मांग को लेकर आमरण अनशन पर सांसद विजय बघेल....स्वाभिमान मंच ने उठाए सवाल...
पाटन क्षेत्र में एक सरकारी ठेके से शराब लूट कांड मामला अब सियासी रंग लेता जा रहा है। इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच ने मोर्चा खोल दिया है। मंच के अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता ने भाजपा नेताओं पर सरकारी संपत्ति की लूट और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोपियों को बचाने के लिये विजय बघेल के आमरण अनशन पर सवाल उठाए हैं।
सांसद और भाजपा के आंदोलन पर सवालिया निशान खड़े करते हुए छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता ने कहा है कि ऐसा लगता है कि उन्हें न्याय पालिका की निष्पक्षता पर संदेह है या न्याय व्यवस्था पर ही भरोसा नहीं रह गया है। यदि गिरफ्तार आरोपी निर्दोष हैं और पुलिस ने जानबूझ कर उन्हें गिरफ्तार किया है, तब निश्चित ही वे न्यायालय से बरी हो जाएंगे। मगर ऐसा लगता है कि वे अंदर से इस बात से भयभीत हैं कि कोर्ट में ट्रायल होने पर वे दोष सिद्ध हो सकते हैं और उन्हें सजा भी हो सकती है। इसी भय के कारण वे सरकार पर दबाव डालने की कोशिश कर रहे हैं कि कोर्ट में ट्रायल की नौबत ही न आने पाये।
फालतू के मुद्दे उछालकर ऊर्जा न गवाएं
मंच के अध्यक्ष ने
सांसद और भाजपा को याद दिलाया है कि वे छत्तीसगढ़ में विपक्ष में हैं यदि
यूपी में होते तो सरकार उन्हें अपराध दर्ज करके जेल में बंद कर देती और
सरकारी संपत्ति हो हुई क्षति की राशि उनसे वसूल कर लेती। मंच ने सांसद और
भाजपा को सलाह दी है कि उन्हें ऐसे फालतू मुद्दे पर आंदोलन करके अपनी ऊर्जा
व्यर्थ न गवाएं। बल्कि उन्हें किसानों की आत्महत्या और बच्चियों, महिलाओं
पर बढ़ते यौन अपराधों के खिलाफ आंदोलन करके आम जनता को राहत और सुरक्षा
प्रदान करने के लिये आंदोलन करना चाहिये।
उल्लेखनीय है कि पुलिस ने
पाटन क्षेत्र के जामगांव में सरकारी शराब की लूट करने और सरकारी काम में
बाधा डालने के आरोप में भाजपा के मंडल अध्यक्ष सहित तीन कार्यकर्ताओं को
गिरफ्तार किया है। इससे नाराज हो सांसद विजय बघेल पाटन में पिछले 4-5 दिनों
से गिरफ्तार भाजपा कार्यकर्ताओं की नि:शर्त रिहाई की मांग को लेकर आमरण
अनशन पर बैठे हैं। जिसके समर्थन में भाजपा के अन्य सांसद उनकी इस लड़ाई का
साथ देने मैदान में कूद पड़े हैं।